स्टाफ की कमी से मरीजों को नहीं मिलती बेहतर सुविधाएं
संवाद सहयोगी जालौन क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2 दशक पूर्व
संवाद सहयोगी, जालौन : क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2 दशक पूर्व नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नया भवन बनाया गया था। भवन बनने के बाद स्टाफ व चिकित्सकों की कमी से मरीजों को आज भी बेहतर सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
नगर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छोटी माता मंदिर के पास संचालित होता था। सन 2000 में 18 सितंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गयी। शुरुआत में एक चिकित्सक डॉ. एमपी सिंह ने सेवाएं दीं। इसके डॉ. एसके सक्सेना ने 2006 तक अकेले सेवा दी। इसके बाद भी मरीजों की संख्या में इजाफा होता गया और स्टाफ की कमी से उन्हें बेहतर सुविधाएं नहीं मिलीं। यहां पर रोजाना 500 से अधिक मरीज आते हैं लेकिन चिकित्सकों के अभाव में वह प्राइवेट चिकित्सालयों में इलाज कराने को मजबूर हैं।
चिकित्सालय में आवासों की संख्या अपर्याप्त
चिकित्सालय में आवासों की संख्या में बहुत कमी है। चिकित्सालय में 8 चिकित्सकों के पदों के सापेक्ष सिर्फ 2 आवास हैं। इसी तरह 6 स्टाफ नर्सों में एक भी आवास नहीं है। आवास कम होने के कारण स्टाफ चिकित्सालय परिसर में नहीं रह पा रहा है। इसके कारण सुविधाएं प्रभावित होती हैं। चिकित्सालय परिसर में जलभराव होने के कारण बरसात में मच्छर परेशान करते हैं। यहां आने वाले मरीजों की संख्या के हिसाब से बैठने की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।
4 चिकित्सकों के साथ 5 पद रिक्त
चिकित्सालय में 4 चिकित्सकों सर्जन, हड्डी, दंत व फिजीशियन की कमी है। इसके अलावा 1 चौकीदार व 1 स्वीपर का भी स्टाफ कम है। हड्डी के चिकित्सक न होने के कारण यहां आने वाले सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को दिक्कत होती है तथा उन्हें उपचार के अभाव में रेफर कर दिया जाता है।
जिम्मेदार बोले
चिकित्सालय में लेवर रुम व जेएसवाई वार्ड के साथ चिकित्सकों के लिए 4 ओपीडी रूम की आवश्यकता है। इसके अलावा विभाग को पत्र लिखा है तथा सदर विधायक को भी इसकी जानकारी दी है।
डॉ. मुकेश राजपूत, चिकित्सा अधीक्षक