ओम नम : शिवाय
सिद्ध महाकालेश्वर मंदिर शहर में टाउनहाल मैदान के ठीक बगल में सिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है। यह स्थान भक्तों की आस्था का केंद्र है। स्थानीय भक्त ही यहां पर भगवान का पूजन करने के लिए आते हैं। भगवान आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में काफी भीड़ रहती है।
सिद्ध महाकालेश्वर मंदिर
शहर में टाउनहाल मैदान के ठीक बगल में सिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है। यह स्थान भक्तों की आस्था का केंद्र है। स्थानीय भक्त ही यहां पर भगवान का पूजन करने के लिए आते हैं। भगवान आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। सावन के महीने में काफी भीड़ रहती है। इतिहास
मंदिर का इतिहास को अधिक प्राचीन नहीं है लेकिन यहां स्थित शिवलिग को काफी पुराना बताया जाता है। किवदंती है कि इस शिवलिग को कहीं बाहर से लाकर यहां स्थापित किया गया था। हालांकि मंदिर भी काफी पुराना है लेकिन पहले इसका अधिक विस्तार नहीं था। विशेषता
मंदिर निर्माण की शैली सामान्य है लेकिन देखने में यह अदभुद लगता है। यहां स्थित शिवलिग के अरघे में पीतल का काफी बड़ा त्रिशूल लगा है और उस पर डमरू लटकता रहता है। मंदिर के दोनों दरवाजों से प्रवेश करते ही भगवान के दर्शन हो जाते हैं। तैयारियां
सावन को लेकर मंदिर की सजावट की गई है। शिवलिग के ठीक ऊपर एक रंगबिरंगी लाइट लगाई गई है जिसका सीधा प्रकाश शिवलिग पर पड़ता है। भक्तों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए मंदिर समिति ने व्यवस्था की है। मंदिर का नाम ही सिद्ध महाकालेश्वर है। भगवान यहां पर विराजमान हैं। भक्त श्रद्धा विश्वास के साथ यहां पूजन के लिए आते हैं। बाबा के दरबार से कभी कोई निराश होकर नहीं गया है। लोगों में मंदिर के प्रति गहरी आस्था है।
शिव प्रसाद पुजारी सावन के महीने व शिवरात्रि में भक्तों की संख्या अधिक रहती है। जिसको देखते हुए दर्शनों के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। साथ ही जो भक्त प्रसाद वितरण करना चाहता है तो फल का प्रसाद ही यहां दिया जाता है।
रज्जन सहयोगी कैसे पहुंचें मंदिर
मंदिर पहुंचना आसान है। रेलवे स्टेशन से आधा किलोमीटर की दूरी पर मंदिर है। रिक्शे व आटो से मंदिर पहुंच सकते हैं। बस स्टेशन से इसकी दूरी दो किलोमीटर के लगभग है।