ओम नम : शिवाय

रामेश्वरम ऊं गणेश शिवालय उरई शहर में झांसी रोड पर स्थित रामेश्वरम ऊं गणेश शिवालय भक्तों की आस्था का केंद्र है। वर्ष भर स्थानीय लोग इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं। जो भक्त श्रद्धा विश्वास के साथ मंदिर में माथा टेकता है उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 07:55 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:55 PM (IST)
ओम नम : शिवाय
ओम नम : शिवाय

रामेश्वरम ऊं गणेश शिवालय

उरई शहर में झांसी रोड पर स्थित रामेश्वरम ऊं गणेश शिवालय भक्तों की आस्था का केंद्र है। वर्ष भर स्थानीय लोग इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को निराश नहीं करते हैं। जो भक्त श्रद्धा विश्वास के साथ मंदिर में माथा टेकता है उसके सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इतिहास

मंदिर का इतिहास पचास से साठ वर्ष पुराना है। इस मंदिर में नर्मदेश्वर महादेव विराजमान हैं। बताया जाता है कि सैदनगर के किसी पुराने जीर्ण शीर्ण मंदिर से इस शिवलिग को लाकर यहां स्थापित किया गया था। रही शिवलिग की बात तो यह तीन चार सौ वर्ष पुराना बताया जाता है। विशेषता

इस मंदिर में शिवालय के साथ ही देवी दुर्गा, भगवान गणेश, हनुमान जी सहित कई देवताओं की मूर्तियां हैं। लोग पूजा पाठ कर अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। मंदिर मकान की तरह से बना हुआ है। दूर से देखने पर इसकी बनावट मंदिर जैसी नहीं दिखाई देती है। तैयारियां

सावन माह को देखते हुए मंदिर के महंत ने विशेष प्रबंध किए हैं। यह शिवालय अधिक बड़ा नहीं है जिससे कम संख्या में भक्त एक बार में मंदिर से अंदर जाते हैं। प्रतिदिन साफ सफाई के साथ ही भगवान का अनुपम श्रंगार किया जाता है। मंदिर में सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान का रूद्राभिषेक किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त सहभागिता करते हैं। हर भक्त पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसती है। जिससे लोगों में शिवालय के प्रति बड़ी आस्था है।

प्रमोद गौरव महंत मंदिर में शिवरात्रि को विशेष पूजन किया जाता है। इसमें भक्तों का बहुत सहयोग रहता है। लोग खुद ही मंदिर में आकर सभी व्यवस्थाएं कर जाते हैं। स्थानीय लोगों का सबसे अधिक आना जाना होता है।

मानवेंद्र पटैरिया सहयोगी कैसे पहुंचे मंदिर

मंदिर पहुंचना बेहद आसान है। रोडवेज बस स्टैंड से मंदिर की दूरी आधा किलोमीटर होगी। रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है।

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