ओम नम : शिवाय

आस्था का केंद्र हाथी मंदिर शिवालय शहर के मोहल्ला राजेंद्र नगर में हाथी मंदिर स्थित है। यह मंदिर शहर के भक्तों की आस्था का केंद्र है। पूजा पाठ करने के लिए इस मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। सावन के महीने भर दिन भर मंदिर में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 08:06 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 08:06 PM (IST)
ओम नम : शिवाय
ओम नम : शिवाय

आस्था का केंद्र हाथी मंदिर शिवालय

शहर के मोहल्ला राजेंद्र नगर में हाथी मंदिर स्थित है। यह मंदिर शहर के भक्तों की आस्था का केंद्र है। पूजा पाठ करने के लिए इस मंदिर में प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं। सावन के महीने भर दिन भर मंदिर में श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। इतिहास

मंदिर का इतिहास अधिक पुराना नहीं है। पचास वर्ष पहले इस मंदिर को बनवाया गया था। धीरे-धीरे मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ती गई। अब इस शिवालय से सैकड़ों भक्त जुड़े हुए हैं। बताया जाता है कि जो शिवलिग यहां पर स्थापित है वह कहीं बाहर से लाया गया था। विशेष अवसरों पर मंदिर में अनुष्ठान भी कराए जाते हैं। विशेषता

मंदिर साधारण शैली में बना हुआ है और दूसरी मंजिल पर भगवान विराजमान हैं। अब से दो तीन वर्ष पहले तक एक सांड मंदिर की सीढि़यां चढ़कर आरती के समय पहुंच जाता था। इसके बाद वह नीचे उतर आता था। हालांकि अब द्वार बंद कर दिए जाते हैं। तैयारियां

सावन को लेकर मंदिर की सजावट की गई है। मंदिर परिसर में अधिक स्थान न होने की वजह से एक बार में पांच से छह लोग ही पूजा पाठ करने के लिए जाते हैं। भक्तों को परेशानी न होने पाए इसके लिए मंदिर समिति ने सभी जरूरी प्रबंध किए हुए हैं। मंदिर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। यहां आने वाले हर व्यक्ति का कल्याण भगवान करते हैं। मंदिर में बैठने पर अछ्वुद शांति का अनुभव होता है। शिवरात्रि में इस मंदिर में रूद्राभिषेक भी कराया जाता है।

मुन्ना पुजारी भगवान भोलेनाथ सभी के कष्टों का निवारण करते हैं। जो भक्त इस मंदिर में मनौती मानकर गए हैं वे कभी निराश नहीं हुए। जिन लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है वे मंदिर में भंडारा कर प्रसाद का वितरण करते हैं।

राहुल सहायक ऐसे पहुंचे मंदिर

शहर में रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी महज एक किलोमीटर है। रेल या सड़क मार्ग से आने के बाद आटो रिक्शा से मंदिर पहुंच सकते हैं।

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