संविधान दिवस पर कर्मचारियों को दिलाई शपथ
जागरण टीम उरई संविधान मात्र निर्जीव शब्दों का संचय नहीं है। बल्कि संविधान का एक उद्देश्य अ
जागरण टीम, उरई : संविधान मात्र निर्जीव शब्दों का संचय नहीं है। बल्कि संविधान का एक उद्देश्य और दर्शन है। भारत के संविधान का उद्देश्य हम भारत के लोग की ऋद्धि, सिद्धि और समृद्धि है। यह बात संविधान दिवस के अवसर पर तहसीलों में कर्मचारियों को संविधान के प्रति समर्पण की शपथ दिलाई।
जालौन नगर पालिका में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ईओ डीडी सिंह ने संविधान की उद्देशिका को पढ़कर सुनाया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को संविधान में बताए गए मानव के कर्तव्यों का पालन करने का संकल्प दिलाते हुए संविधान से जुड़ी जानकारियां दी गईं। उन्होंने कहा कि भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। भारतीय संविधान देश की आत्मा है। उन्होंने समता के अधिकार व संवैधानिक अधिकारों की भी चर्चा की। रामपुरा में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर की ओर से 26 दिसंबर को देश को एक सशक्त संविधान सौंपा गया था। तब से लेकर अब तक संपूर्ण भारत उसी संविधान की छांव में फलफूल रहा है। आदर्श नगर पंचायत चेयरमैन शैलेंद्र सिंह द्वारा नगर पंचायत के कर्मचारियों को संविधान के बारे में मूलभूत जानकारी उपलब्ध कराईं। चेयरमैन शैलेंद्र सिंह ने नगर में स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। माधौगढ़ में संविधान दिवस पर न्यायालय परिसर में तहसीलदार प्रेमनारायण प्रजापति की मौजूदगी में न्यायायिक अधिकारी स्वेता यादव ने अधिवक्ताओं को शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि संविधान का पालन करे और उसके आदर्शो संस्थाओं, राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान का आदर व सम्मान करें साथ ही दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें।