बेटे की शिक्षा के लिए नहीं की समाज के तानों की परवाह

शिक्षा हर किसी के जीवन और सफलता के लिए जरूरी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 06:33 PM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 06:33 PM (IST)
बेटे की शिक्षा के लिए नहीं की समाज के तानों की परवाह
बेटे की शिक्षा के लिए नहीं की समाज के तानों की परवाह

जागरण संवाददाता, उरई : शिक्षा हर किसी के जीवन और सफलता के लिए जरूरी है। सरकार भी शिक्षा पर जोर दे रही है। इसके बाद भी समाज में तमाम लोग ऐसे भी हैं जो शिक्षा के प्रति लापरवाह हैं। ऐसा ही वाक्या सामने आया रागिनी दीक्षित के सामने, उन्होंने बेटे की पढ़ाई के लिए कोई समझौता नहीं किया और गांव समाज के तानों की परवाह न करते हुए अपनी राह खुद चुन ली।

कुठौंद की रहने वाली रागिनी का विवाह समीप के गांव मुरलीपुर में 2003 में हुआ था। ससुराल आई तो पति कुछ करते नहीं थे। घर में आर्थिक अभाव था। कई वर्ष ऐसे ही निकल गए। पति को काम धाम से खास मतलब नहीं था। इसी बीच रागिनी के पुत्र हुआ। जब बेटे की पढ़ाई का समय आया तो घर वालों ने कहा कि गांव के प्राइमरी स्कूल में दाखिला करवा दो लेकिन रागिनी इसके लिए तैयार नहीं हुई। उन्होंने फैसला किया कि चारे कुछ करना पड़े पर वह बच्चे को अच्छी शिक्षा दिलाकर रहेंगी। इसी साहस के चलते उन्होंने कुठौंद के ही एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी कर ली। इसके बाद एक समाजसेवी संस्था से जुड़कर भरुआ सुमेरपुर चली गईं। बच्चे का दाखिला शहर में करवा दिया। उनका यह कदम घर और गांव के लोगों को अच्छा नहीं लगा लेकिन इसकी परवाह न करते हुए बच्चे की पढ़ाई पर लक्ष्य केंद्रित रखा। आज रागिनी का बेटा एक अच्छे स्कूल में सीसीएसई बोर्ड इंटर का छात्र है। अब परिवार के लोग भी रागिनी की प्रशंसा करते हैं।

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