साइबर अपराधों के बढ़ते मामले बने पुलिस के लिए चुनौती

जागरण संवाददाता उरई इंटरनेट मीडिया के दौर में साइबर क्राइम का दायरा बढ़ गया है। दूसरे राज्यों में बैठकर ठग अलग तरीके से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। लाटरी निकलने का लालच देकर या फिर एकाउंट सत्यापन का झांसा देकर लोगों ओटीपी और एटीएम का कोड पूछकर रुपये पार करने की ट्रिक अब पुरानी हो गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:19 PM (IST)
साइबर अपराधों के बढ़ते मामले बने पुलिस के लिए चुनौती
साइबर अपराधों के बढ़ते मामले बने पुलिस के लिए चुनौती

जागरण संवाददाता, उरई : इंटरनेट मीडिया के दौर में साइबर क्राइम का दायरा बढ़ गया है। दूसरे राज्यों में बैठकर ठग अलग तरीके से ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। लाटरी निकलने का लालच देकर या फिर एकाउंट सत्यापन का झांसा देकर लोगों ओटीपी और एटीएम का कोड पूछकर रुपये पार करने की ट्रिक अब पुरानी हो गई है। अब बच्चों व छात्रों को आनलाइन गेम के चस्के में फंसाकर रुपये पार करने के मामले में बढ़ गए। चूंकि इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध इन गेमों शर्त और क कंडीशन साफ शब्दों में लिखी रहती है। इस वजह से पुलिस भी कार्रवाई करने में असहज रहती है। एक साल में 50 लाख से अधिक की ठगी :

ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क कितना बढ़ गया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक साल के भीतर जिले में ऑनलाइन ठगी में पचास लाख से अधिक की रकम लोग गंवा चुके हैं। सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। स्थिति यह है कि यूपीआई के माध्यम से धोखाधड़ी कर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से लोगों को रुपये पार होने औसतन दो मामले रोज सामने आ रहे हैं। आनलाइन गेम के चस्के में छात्र ने गंवा दिए चार लाख: पशु विभाग के एक अधिकारी के पुत्र ने ऑनलाइन गेम के चस्के में फंसकर चार लाख रुपये गंवा दिए। जब पूरा एकाउंट खाली हो गया तब पिता को इसका पता चला। बाद में साइबर सेल से शिकायत की गई। जिस साइट के माध्यम से गेम डाउनलोड किया गया था। उसमें शर्त व कंडीशन साफ लिखी थी, लिहाजा कार्रवाई को लेकर पुलिस असहज हो गई। हालांकि कंपनी को ई-मेल कर साइबर सेल ने जवाब मांगा है। लेकिन कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया है। कोट

साइबर अपराधों का दायरा बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। आनलाइन ठगी के मामले की गंभीरता से जांच करने की कोशिश जा रही है। तीन महीने में आनलाइन ठगी में गई करीब ढाई लाख रुपये की वापसी कराने में सफलता मिली है।

रवि कुमार, पुलिस अधीक्षक

chat bot
आपका साथी