सर्दी में बढ़े सांस के रोगी, सरकारी अस्पतालों में इन्हेलर की किल्लत

जागरण संवाददाता उरई सर्दी कोहरा व धुंध शुरू होते ही सांस रोगियों की परेशानी बढ़ने

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 04:57 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 04:57 PM (IST)
सर्दी में बढ़े सांस के रोगी, सरकारी अस्पतालों में इन्हेलर की किल्लत
सर्दी में बढ़े सांस के रोगी, सरकारी अस्पतालों में इन्हेलर की किल्लत

जागरण संवाददाता, उरई : सर्दी, कोहरा व धुंध शुरू होते ही सांस रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सांस की परेशानी वाले मरीजों की काफी इजाफा हुआ है। ऐसे में चिकित्सक उन्हें इन्हेलर लेने का परामर्श देते हैं। पर अफसोस गरीब मरीजों के लिए एकमात्र सहारा सरकारी अस्पतालों में इन्हेलर तक नहीं है। बचाव के लिए टेबलेट्स दी जा रही हैं।

जिले के सबसे बड़े अस्पताल जिला अस्पताल की बात करें तो यहां केवल खास मरीजों को ही इन्हेलर व कैप्सूल दिए जाते हैं। अन्य लोगों को हर बार इन्हेलर व कैप्सूल खत्म होने का बहाना बनाकर केवल गोली दी जाती है। सालों से यही स्थिति है।

आंकड़ों में इन्हेलर पर खूब खर्चा हो रहा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इन्हेलर या कैप्सूल नहीं मिल रहे। सांस रोगी हांफते हुए इन अस्पतालों में पहुंचते हैं और परेशान होकर लौट जाते हैं।

कॉरपोरेशन से अन्य दवा के साथ इन्हेलर भी भेजे जा रहे हैं, मगर वे हर जरूरतमंद तक नहीं पहुंच पाते। सीएचसी-पीएचसी पर तो किसी भी मरीज को इन्हेलर नहीं मिलते।

जन औषधि केंद्रों पर भी नहीं इन्हेलर

जिला अस्पताल के जन औषधि केंद्रों पर इन्हेलर मिल जाते थे, लेकिन अब ज्यादातर केंद्रों पर इन्हेलर तो छोड़िए, जरूरी दवा तक नहीं मिल पाती।

एंटी रैबीज के लिए अधिक परेशानी

कुत्ते काटने पर मरीज को एंटी रैबीज का वैक्सीन लगाया जाता है। जिला अस्पताल में आए दिन इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी मरीजों की परेशानी दूर नहीं की जा रही है।

बोले मरीज

एक माह में दो से तीन इन्हेलर इस्तेमाल होते हैं। जिला अस्पताल में कई बार चक्कर काटे, तब जाकर एक इन्हेलर मिल पाया।

- रामपाल, कालपी

सांस रोगियों को नियमित रूप से इन्हेलर या सूंघने वाले कैप्सूल लेने पड़ते हैं, मगर सरकारी अस्पतालों से मरीजों को लौटा दिया जाता है। गरीब तबके के सांस रोगियों की समस्या सर्दी के मौसम में और बढ़ जाती है। काफी मरीज तो सर्दी में अस्थमा के अटैक से ही मर जाते हैं।

- रामकिशोर, उसरगांव

जिला अस्पताल में जो भी दवाइयां नहीं है। उनका लिस्ट बना लिया गया है। एक सप्ताह के अंदर सभी दवाएं मुहैया हो जाएंगी।

- डॉ. अजय कुमार सक्सेना, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

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