आवास के अभाव में बढ़ी परेशानी

संवाद सहयोगी जालौन किसानों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने की आवश्यक जानकारी के लिए व प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने को रूरा मल्लू में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई। करोड़ों की लागत से बने कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कर्मचारियों के लिए पर्याप्त आवास नहीं हैं जिसके कारण स्टाफ केंद्र पर नहीं रहता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Aug 2021 06:53 PM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 06:53 PM (IST)
आवास के अभाव में बढ़ी परेशानी
आवास के अभाव में बढ़ी परेशानी

समस्या

- 16 आवास के सापेक्ष बनाए गए केवल छह आवास

- कई बार उच्चाधिकारियों तक पहुंचा मामला, नतीजा सिफर

संवाद सहयोगी, जालौन : किसानों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि करने की आवश्यक जानकारी के लिए व प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने को रूरा मल्लू में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई। करोड़ों की लागत से बने कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ कर्मचारियों के लिए पर्याप्त आवास नहीं हैं जिसके कारण स्टाफ केंद्र पर नहीं रहता है।

बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र रूरा मल्लू में किसानों को मिट्टी परीक्षण, कृषि की तकनीकी, प्रमाणित बीज, मधुमक्खी पालन, मछली पालन की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इसके लिए यहां पर कृषि वैज्ञानिकों समेत 16 कर्मचारियों की नियुक्ति है। कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ 16 कर्मचारियों के सापेक्ष यहां मात्र 6 आवास हैं। गांव के बाहर उरई-जालौन मार्ग पर बने इस केंद्र में सभी कर्मचारियों के लिए आवास न होने के कारण कोई कर्मचारी यहां रात में नहीं रहता है जिसके कारण यह आवास भी खाली पड़े रहते हैं। रात में सिर्फ चौकीदार ही केंद्र पर रहता है। पर्याप्त आवास न होने के कारण कृषि वैज्ञानिकों के साथ पूरा स्टाफ जनपद मुख्यालय पर रहता है। स्टाफ के जनपद मुख्यालय पर रहने के कारण सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाए जाने वाले आवासीय प्रशिक्षण सिर्फ दिन भर में निपटा दिए जाते हैं। आवासीय प्रशिक्षण को पूरा समय न मिलने के कारण ये प्रशिक्षण औपचारिक बनकर रह जाते हैं तथा सही लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि उन्होंने केंद्र में आवास बनाने के लिए पत्राचार किया था कितु अभी कोई सार्थक पहल नहीं हुई है।

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