मौरंग के खेल में रसूखदारों की सियासत पर नाच रहा 'सरकारी तंत्र'

महेश प्रजापति उरई डकोर ब्लाक क्षेत्र में खनन का बड़ा इलाका है जहां पर बेतवा नदी के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 06:58 PM (IST)
मौरंग के खेल में रसूखदारों की सियासत पर नाच रहा 'सरकारी तंत्र'
मौरंग के खेल में रसूखदारों की सियासत पर नाच रहा 'सरकारी तंत्र'

महेश प्रजापति , उरई : डकोर ब्लाक क्षेत्र में खनन का बड़ा इलाका है जहां पर बेतवा नदी के घाटों पर खनन माफिया पट्टा कराने के बाद उसे प्रशासनिक गाइड लाइन के अनुसार नहीं बल्कि अपने हिसाब से चलाते हैं। इसी के तहत बंधौली के घाट नंबर एक पर कुछ रसूखदार लोग अपने हिसाब से अवैध खनन करवा रहे हैं।

शतरंज में जैसे वजीर को राजा का रक्षक कहा जाता है उसी तरह मौरंग माफिया भी अपने राजनीतिक वजीरों को अपने संरक्षण के लिए इस्तेमाल करते हैं। हालत यह होती है कि खनन माफिया मौरंग घाटों का पट्टा भी इसी रसूख के चलते करा लेते हैं और फिर वजीरों की शह पर अवैध मौरंग के खनन का खेल शुरू कर दिया जाता है। घाटों के किनारे से लेकर नदियों बीच तक सीना चीर लाल सोना निकालकर खनन माफिया व रसूखदार लोग अपनी-अपनी तिजोरियां भरने में जुट जाते हैं। जबकि खनन के घाटों पर खनिज विभाग के साथ आला अधिकारियों को भी हर माह निरीक्षण करने चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पाता है। जब भी कोई आला अधिकारी निरीक्षण का विचार बनाता है तो लोकेशन व रसूखदार लोग घाटों पर काम करने वालों को आगाह कर देते हैं और व्यवस्था कुछ घंटे के लिए दुरुस्त कर दी जाती है इसके बाद फिर से वह लाल सोने को कैश में तब्दील करने के खेल शुरू हो जाता है।

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नदी के इस ओर से उस पार तक चल रहा खेल :

मौरंग के घाटों पर सबसे अधिक घाट एक का खेल यह कि वह नदी किनारे पड़ने वाले ग्रामीणों के खेतों तक से मशीन तक खुदाई कर मौरंग निकाल लेते हैं। इसके साथ ही नदी की जलधारा को चीरकर मौरंग निकालते-निकालते वह घाट के उस ओर दूसरे जनपद की सीमा तक पहुंच जाते हैं। जिस पर किसी की निगाह नहीं जाती है और यह दिन रात बदस्तूर खेल जारी रहता है।

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राजस्व को होती भारी क्षति :

सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से किसी भी ट्रक में ओवरलोड मौरंग घाट से नहीं भरी जाएगी नहीं तो घाट संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लायी जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं होता है। दिन रात घाटों से मौरंग के ओवरलोड ट्रकों को भरकर निकाला जाता है जिससे राजस्व की भी क्षति होती है। ओवरलोड ट्रकों से क्षेत्र की सभी सड़कें भी ध्वस्त हो गयी हैं फिर भी ट्रकों में ओवरलोड मौरंग भरने वाले संचालकों पर कार्रवाई नहीं होती है।

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सिकुड़ गई नदी की जलधारा

खनन माफिया जब पोकलैंड लगाकर नदी से मौरंग निकालते हैं तो वह बीच में रोड की तरह मौरंग इकट्ठा करते जाते हैं जिससे नदी की जलधारा सिकुड़कर नहर की तरह हो जाती है और पानी एक तरफ से निकलता है लेकिन कई जगह तो जलधारा को ही रोक कर दूसरे जनपद की सीमा की ओर मोड़ दिया जाता है।

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अवैध खनन के विरुद्ध कार्रवाई तेज की जा रही है। डकोर क्षेत्र में अवैध खनन की सूचना नहीं मिली है। मालूम कराया जाएगा। कार्रवाई की जाएगी।

आर बी सिंह खनन अधिकारी

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