इकहरा का तालाब ग्रामीणों के लिए बना अमृत

जागरण संवाददाता उरई जल संरक्षण में परंपरागत जल स्त्रोत ही प्रभावी हो सकते हैं। इनसे पानी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:25 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:25 PM (IST)
इकहरा का तालाब ग्रामीणों के लिए बना अमृत
इकहरा का तालाब ग्रामीणों के लिए बना अमृत

जागरण संवाददाता, उरई :

जल संरक्षण में परंपरागत जल स्त्रोत ही प्रभावी हो सकते हैं। इनसे पानी को बचाया ही जा सकता है साथ ही रिचार्जिंग का एक सशक्त माध्यम तालाब साबित होते हैं। ग्राम इकहरा में बना तालाब गर्मियों में गांव वालों के लिए पानी मुहैया करवा रहा है। अन्ना घूमने वाले मवेशी तालाब में दिन भर आकर अपनी प्यास को बुझाते हैं। इसके साथ ही गांव के लोग भी इस तालाब से पानी लेकर अपनी जरूरत को पूरा करते हैं।

अब से पांच दशक पहले ग्राम इकहरा में पानी की समस्या को देखते हुए गांव वालों ने सामूहिक रूप से तालाब की खुदाई की थी। इससे गांव में पानी की समस्या का निराकरण हो गया। तब से अब तक पानी के लिए गांव में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। इस बार भी गर्मियों में तालाब पानी से भरा है। जिसमें न सिर्फ गांव के बल्कि आस पास गांवों के अन्ना घूमने वाले पशु भी तालाब के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। ग्रामीण अपनी रोज की जरूरत का पानी भी तालाब से लेते हैं। शायद ही कोई ऐसा घर हो जो इस तालाब में नहाने धोने के लिए न जाता हो। इसके अलावा लोग अनाज आदि भी तालाब के पानी से धोते हैं। शाम को तालाब के किनारे पहुंच कर ताजी आबो हवा का आनंद लेते हैं। अगर इसी तरह से परंपरागत जल स्त्रोतों का रखरखाव होता रहे तो पानी के संकट से निजात पाई जा सकती है। तालाब का सुंदरीकरण कराएंगे

ग्राम प्रधान करन सिंह परिहार का कहना है कि तालाब गांव की खुशहाली का भी प्रतीक है। उसे संरक्षित करने के साथ सुंदरीकरण का कार्य भी कराया जाएगा। जिससे जल संरक्षण के प्रति लोगों का रुझान बढ़े।

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