मेडिकल स्टोरों पर नियमों की हो रही अनदेखी

संवाद सहयोगी जालौन नगर में संचालित मेडिकल स्टोर पर सरकार के नियमों की अनदेखी की जा र

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:36 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:36 PM (IST)
मेडिकल स्टोरों पर नियमों की हो रही अनदेखी
मेडिकल स्टोरों पर नियमों की हो रही अनदेखी

संवाद सहयोगी, जालौन : नगर में संचालित मेडिकल स्टोर पर सरकार के नियमों की अनदेखी की जा रही है। मेडिकल संचालक की जगह प्राइवेट व्यक्ति मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं तथा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री में लगे हुए हैं।

नगर में बिना लाइसेंस के भी मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। सरकारी व निजी अस्पताल के सामने मेडिकल स्टोर संचालित हैं। जो नियमों को ताक पर रखकर मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ करते हैं। बिना लाइसेंस के चलने वाली इन दुकानों पर अप्रशिक्षित व्यक्ति मरीजों का दवा देते हैं। इन दुकानों पर कालातीत दवाएं बेचने का खेल भी खूब चलता है। अस्पताल प्रशासन व विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ होने के कारण मेडिकल संचालक बेखौफ होकर अपनी दुकानें चला रहे हैं। सीएचसी में सेटिग कर यह मेडिकल संचालक गांव देहात से आने वाले मरीज के तीमारदारों को जमकर दवाओं के नाम पर लूटते हैं जबकि सीएचसी में कोई न कोई अधिकारी अस्पताल का निरीक्षण करने आता रहता है लेकिन आज तक किसी ने इन मेडिकल स्टोर के लाइसेंस तक चेक नहीं किए। दवाओं के निरीक्षण की बात तो दूर की बात रही।

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नाम किसी का और काम कर रहा दूसरा

मेडिकल स्टोरों का आलम यह है कि मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन किसी डिग्री या डिप्लोमा धारक के नाम पर है। जबकि संचालन और कोई कर रहा है और धड़ल्ले से दवा दे रहे हैं। फार्मासिस्ट किराये पर अपना लाइसेंस देते हैं।

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नही दिए जा रहे हैं पक्के बिल

नगर में संचालित अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक ग्राहकों को पक्का बिल नहीं देते हैं। किसी के पास कंप्यूटर नहीं है तो किसी के पास बिल बुक नहीं रहता है। ग्राहक मांगने पर पहले तो टहलाया जाता है। जब नहीं मानता है तो दवा के कागज के लिफाफे पर ही कीमत लिख दी जाती है। बिल न मिलने के कारण ग्राहकों को दवा वापसी करने में दिक्कत आती है।

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प्रतिबंधित दवाओं की होती बिक्री

नगर में अवैध रूप से संचालित इन दुकानों पर प्रतिबंधित (नशीली) दवाओं की बिक्री का खेल भी खूब चलता है। मेडिकल संचालक चिकित्सक के परामर्श पर मिलने वाली दवाएं भी लोगों को बेरोक टोक बेचते हैं। इसके बदले ग्राहकों से मुंहमांगी कीमत वसूल की जाती है। ये मेडिकल संचालक खुद ही चिकित्सक बनकर लोगों को महंगी दवा देकर उन्हें बेवकूफ बनाने से भी नहीं चूकते। मरीज को लेकर परेशान लोग मजबूरी में बेइज्जत होने के बाद भी इन मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने को मजबूर होते हैं।

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सभी मेडिकल संचालकों को प्रिटेड बिल देना अनिवार्य है। अगर नहीं देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही मेडिकल स्टोरों पर चेकिग अभियान चलाया जाएगा।

रेखा सचान, ड्रग इंस्पेक्टर

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