बारिश से जलमग्न हुई सैकड़ों एकड़ फसल

संवाद सूत्र महेबा बारिश के कारण महेवा क्षेत्र में कई गांवों में सैकड़ों एकड़ खरीफ की फसल जलमग्न हो जाने से भारी नुकसान हुआ है किसानों का कहना है कि उनकी लागत व मेहनत पानी में समा गई। किसान पूरे अषाढ़ माह में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता रहा कि बारिश हो जाए तो समय से खरीफ की बोआई हो जाए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 06:28 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 06:28 PM (IST)
बारिश से जलमग्न हुई सैकड़ों एकड़ फसल
बारिश से जलमग्न हुई सैकड़ों एकड़ फसल

संवाद सूत्र, महेबा : बारिश के कारण महेवा क्षेत्र में कई गांवों में सैकड़ों एकड़ खरीफ की फसल जलमग्न हो जाने से भारी नुकसान हुआ है किसानों का कहना है कि उनकी लागत व मेहनत पानी में समा गई।

किसान पूरे अषाढ़ माह में पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता रहा कि बारिश हो जाए तो समय से खरीफ की बोआई हो जाए। बारिश न होने की वजह से खरीफ की बोआई पिछड़ गई। अब 72 घंटे से लगातार बारिश होने की वजह से क्षेत्र के खड़गुई, जरारा, बैरई, सरसेला, खैरई, हर्रायपुर, भगौरा, मुसमरिया आदि गांव के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल बारिश के पानी में डूब चुकी है जिससे तिल, मूंग, उर्द, ज्वार की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि इनके पौधों का अभी जमाव ही हुआ था। तब तक बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया जिससे इनके पौधे ही नष्ट हो गए। वहीं कुम्हेड़ा की फसल जो जून में बोई गई थी वह भी बारिश के पानी में डूबी हुई है। खड़गुई के किसान संतराम सिंह ने बताया कि अधिक समय तक अगर फसल पानी में डूबी रही तो इसकी भी जड़े नष्ट हो जाने से धूप निकलने पर पौधा सूख जाएगा। जिस पानी के लिए किसान लंबे समय से इंतजार कर रहे थे लेकिन बारिश ने तो किसानों की लागत एवं मेहनत पर पानी फेर दिया। दो दिन पहले बरसात को लेकर जहां किसान बेहद खुश थे अब सैकड़ों एकड़ फसल पानी से नष्ट हो जाने के बाद बेहद दुखी हैं। खरीफ की फसल को लेकर किसानों को बड़ी उम्मीद थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी।

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