34 ग्राम पंचायतों के प्रधान नहीं ले सकेंगे शपथ
संवाद सूत्र महेबा पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुए 59 प्रधानों में से केवल 25 प्रधान ही शपथ ले पाएंगे। 34 ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्यों की संख्या दो तिहाई न होने की वजह से इन गांव के प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे जिससे ग्राम पंचायत में अधिकार विहीन रहेंगे। वार्ड सदस्यों का निर्वाचन होने के बाद ही उनकी शपथ हो पाएगी जिसके लिए निर्वाचन की तिथि घोषित होगी।
संवाद सूत्र, महेबा : पंचायत चुनाव में निर्वाचित हुए 59 प्रधानों में से केवल 25 प्रधान ही शपथ ले पाएंगे। 34 ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्यों की संख्या दो तिहाई न होने की वजह से इन गांव के प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे जिससे ग्राम पंचायत में अधिकार विहीन रहेंगे। वार्ड सदस्यों का निर्वाचन होने के बाद ही उनकी शपथ हो पाएगी जिसके लिए निर्वाचन की तिथि घोषित होगी।
महेबा न्याय पंचायत में निबहना, उरकराकला, पिपरौंधा, महेबा, मंगरौल न्याय पंचायत में हीरापुर, शेखपुर गुढ़ा, मंगरौल, कीरतपुर, मैनूपुर, दमरास न्याय पंचायत में जीतामऊ एवं दमरास के प्रधान सहित 25 प्रधान ही शपथ ले सकेंगे। 34 ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्यों का कोरम पूरा न होने की वजह से चुने गए प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे। ग्राम पंचायत का चुनाव जीतने वाले प्रधानों ने पंचायती राज कानून का ध्यान ही नहीं रखा। केवल प्रधान पद हासिल करने की लड़ाई लड़ते रहे। एडीओ पंचायत हरेंद्र सिंह ने बताया कि पंचायत एक्ट में व्यवस्था है कि जिस ग्राम पंचायत के सदस्यों की संख्या दो तिहाई या इससे अधिक होगी उसी ग्राम पंचायत का गठन हो सकेगा। जिस ग्राम पंचायत में सदस्यों की संख्या का कोरम पूरा नहीं होगा वहां के प्रधान शपथ नहीं ले सकेंगे। निर्वाचन अधिकारी बृजेश कुमार ने बताया कि ब्लॉक में 59 ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए हैं जिनमें से 34 प्रधान ऐसे हैं जहां वार्ड सदस्यों का कोरम पूरा नहीं हो रहा है। जिनका गठन न होने की वजह से यहां के प्रधान शपथ नहीं ले सकेंगे। जिनमें प्रमुख रूप से सरसेला, धामनी, सरसई, गुढ़ा खास, दहेलखंड सहित 34 गांव के प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे।
8 ग्राम पंचायतों में नहीं चुना गया एक भी सदस्य
59 ग्राम पंचायतों में अटरा कला, हथनौरा, शाहजहांपुर, कुकहनू, हिम्मतपुर, बम्हौरी खुर्द, भगौरा, नादई 8 ग्राम पंचायत है ऐसी हैं जहां से एक भी वार्ड मेंबर नहीं चुना गया है। इन कामों में सभी वार्ड सदस्य चुने जाने हैं। इस तरह 34 ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अपने अधिकार पाने के लिए वार्ड सदस्यों के चुनाव तक इंतजार करना पड़ेगा।