सूर्य की शक्ति से दौड़ सकेंगी ट्रेन

झांसी भारतीय रेल प्रदूषण रहित ट्रेन संचालन के लिए सोलर पावर का प्रयोग करने की तैयारी कर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Sep 2020 11:05 PM (IST) Updated:Mon, 07 Sep 2020 06:07 AM (IST)
सूर्य की शक्ति से दौड़ सकेंगी ट्रेन
सूर्य की शक्ति से दौड़ सकेंगी ट्रेन

झांसी : भारतीय रेल प्रदूषण रहित ट्रेन संचालन के लिए सोलर पावर का प्रयोग करने की तैयारी कर रही है। रेलवे अब अपनी जरूरत का 100 फीसद बिजली उत्पादन खुद करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

देश में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए रेलवे सूरज की रोशनी से बिजली उत्पादन कर रहा है। इसके लिए मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, प्रशासनिक भवन और रेलवे क्रॉसिंग पर लगे विद्युत पोल पर सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा अब रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन पर सोलर पावर प्लाण्ट स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। इसी क्रम में मडंल रेल प्रबंधक कार्यालय भवन की छत पर सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। बता दें कि इन प्लांट की स्थापना के बाद मण्डल रेल कार्यालय ने अभी तक लाखों रुपए के राजस्व की बचत की है। पिछले तीन माह में मंडल ने लाखों रुपए बचाए हैं। सब कुछ ठीक रहा तो मंडल की खाली पड़ी जमीनों पर जल्दी ही सोलर पावर प्लाण्ट लगने शुरू हो जाएँगे। प्रधानमन्त्री की योजना होगी साकार

हाल ही में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सोलर एनर्जी युक्त रेलवे स्टेशन और रेलवे की खाली जमीनों पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट लगाने पर जोर दिया था। इससे देश में सोलर एनर्जी के लिए केंद्र सरकार की नेशनल सोलर मिशन पहल को बढ़ावा मिल सकेगा। आत्मनिर्भर भारत योजना की दिशा में बढ़ते हुए रेलवे अब वर्ष 2030 तक अपनी खाली जमीनों पर 20 गीगावॉट क्षमता के सोलर पावर प्लाट लगाने के मेगा प्लैन पर काम कर रहा है।

खर्च से मिल गई मुक्ति

रेल भवनों की छत पर सोलर पैनल लगाने के खर्च से रेलवे पूरी तरह मुक्त है। बता दें कि रेलवे को अपने भवनों पर पैनल लगवाने के एवज में मुफ्त बिजली दी जाती है। पिछले कुछ माह में मंडल द्वारा 3 लाख रुपए से अधिक की बिजली का उपभोग किया गया है। इस उपभोग के लिए न तो कोई शुल्क देना पड़ा और न पैनल स्थापना में किसी प्रकार का ख़्ार्च आया।

बिजली बेचकर निकल रही लागत

मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, रेलवे अस्पताल और क्रॉसिंग पर लगे सोलर पैनल सिस्टम से रेलवे के साथ ही इनको स्थापित करने वाली संस्था को भी लाभ हो रहा है। उक्त कम्पनि के सुपरवाइ़जर ने बताया कि इन पैनल से बनने वाली आधी बिजली रेलवे को जाती है और बाकी बची बिजली ग्रिड में भेज दी जाती है, जिसे बेचकर पैनल की लागत आसानी निकल आती है। रेलवे अलग-अलग संस्थाओं से बिजली ख़्ारीद कर अपने विभागों में भेजता है। सोलर पैनल की स्थापना होने से मण्डल को राजस्व का लाभ हुआ है। इससे पर्यावरण को भी नु़कसान नहीं पहुँचता।

- मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, मंडल रेलवे (झांसी)

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