खाद के लिए मारामारी, समितियों से बैरंग लौटते किसान

केस एक माधौगढ़ कस्बा के क्रय-विक्रय केंद्र पर डीएपी खाद न होने से परेशान थे। 17 अक्टूबर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 11:18 PM (IST)
खाद के लिए मारामारी, समितियों से बैरंग लौटते किसान
खाद के लिए मारामारी, समितियों से बैरंग लौटते किसान

केस एक :

माधौगढ़ कस्बा के क्रय-विक्रय केंद्र पर डीएपी खाद न होने से परेशान थे। 17 अक्टूबर की रात 400 बोरी डीएपी खाद आ गई थी। सोमवार सुबह किसानों को एक आधार कार्ड पर दो बोरी खाद दी गई। दो घंटे में ही डीएपी खत्म हो गई। किसान द्वारिका, श्यामसिंह, देवेंद्र सिंह ने बताया कि समिति के कर्मचारियों ने चहेतों को ज्यादा खाद दे दी है जिससे अन्य किसान रह गए हैं।

केस दो :

दमरास सहकारी समिति पर अभी तक ताला लटका हुआ है। यूरिया व डीएपी न पहुंचने से क्षेत्र के किसानों को अभी तक खाद बंटनी शुरु नहीं हुई है। इससे किसान प्राइवेट दुकानों से 1200 की बोरी 1500 रुपये तक की खरादने को मजबूर हैं फिर भी समिति पर खाद नहीं भेजी जा रही है।

केस तीन :

कदौरा कस्बे में सहकारी समिति में खाद न होने से किसान प्राइवेट दुकानदारों से खाद ले रहे थे। जिसमें उनको प्रति बोरी 300 रुपये अधिक देने पड़ रहे थे। सोमवार को समिति में खाद आ जाने से किसानों ने राहत मिली और सहकारी समिति के सचिव सर्वेश कुमार सभी किसानों को आसानी से खाद मुहैया करा रहे थे। उनका कहना था कि 25 टन खाद आ गई है।

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फोटो संख्या : 10 से 12

जागरण पड़ताल : सरकारी आंकड़ों में पर्याप्त है खाद, हकीकत में भटक रहे किसान - कई समितियों में अभी भी लटक रहे ताले जागरण संवाददाता, उरई : जिले में कई समितियों पर डीएपी व यूरिया खाद न होने से किसानों को भारी परेशानी हो रही है। समितियों पर सुबह से ही किसान खाद के लिए लाइन लगा लेते हैं। कई जगह खाद पहुंची भी है तो भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रही है।

रबी की फसल बोआई का समय चल रहा है। बारिश समय से होने पर किसानों को पलेवा करके फसल बोआई शुरु कर दी थी। जिसमें सरसों, मटर व मसूर की फसल पहले बोई जाती है। इसके लिए किसानों को सबसे अधिक डीएपी की जरूरत है लेकिन फिर भी समय से खाद नहीं मिल रही है। वहीं आला अधिकारी डीएपी 1346 मीट्रिक टन व यूरिया की 4821 मीट्रिक टन खाद की उपलब्धत बता रहे हैं। जबकि कई समितियों पर अभी तक ताले लटके हुए हैं और कई जगह खाद लेने के लिए किसानों को मरामारी करनी पड़ रही है।

कम खाद से हो रही मारामारी :

रामपुरा व जगम्मनपुर की सोसायटी पर 400 बोरी डीएपी पहुंच गई है। इसको लेने के लिए किसान पहले खाद लेने के चक्कर में मारामारी कर रहे हैं। एसडीएम शालिकराम की मौजूदगी में सोमवार को खाद का वितरण किया गया। वहीं सहकारी समिति आटा के सचिव मनीष तिवारी ने बताया कि अब संभवत: मंगलवार को खाद आ जाएगी जिसका वितरण किया जाएगा।

इस मानक से मिल रही खाद

जिन सहकारी समितियों पर खाद पहुंची वहां पर किसानों को एक आधार कार्ड पर दो बोरी डीएपी दी जा रही है। जबकि एक एकड़ वाले किसानों को एक बोरी खाद देने का मानक तय किया गया है।

जिम्मेदार बोले

जिले में डीएपी की 1346 मीट्रिक टन व यूरिया की 4821 मीट्रिक टन खाद की उपलब्धता है। इसके साथ ही सोमवार की रात को 2647 मीट्रिक टन की रैक आ जाएगी। इसके बाद भी किसान खाद के लिए मारामारी कर रहे हैं। सभी को आसानी से डीएपी व यूरिया मुहैया कराई जाएगी।

प्रेमचंद्र, जिला सहायक निबंधन सहकारिता

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