रासायनिक जीव नाशकों का किसान न करें प्रयोग

जागरण संवाददाता उरई कृषि विज्ञान केंद्र रूरा मल्लू एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्थ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 11:25 PM (IST)
रासायनिक जीव नाशकों का किसान न करें प्रयोग
रासायनिक जीव नाशकों का किसान न करें प्रयोग

जागरण संवाददाता, उरई: कृषि विज्ञान केंद्र रूरा मल्लू एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था राष्ट्रीय समेकित नाशी जीव प्रबंधन केंद्र नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से चने में समेकित नाशी जीव प्रबंधन योजना के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण दिया।

नई दिल्ली के प्रधान वैज्ञानिक डा. जितेंद्र कुमार सिंह ने चने में लगने वाले कीट पतंगों एवं बीमारियों से होने क्षति के बारे में अवगत कराया। इन कीट पतंगों एवं बीमारियों से बचाव के लिए हम लोग अधाधुंध रासायनिक जीव नाशकों का प्रयोग करते हैं। जिनका असर हमारे स्वस्थ्य पर पड़ने लगा है। उन्होंने कहा कि रासायनिक जीव नाशकों के विकल्प के रूप में प्रकाश प्रपंच, फेरोमोन ट्रैप, बर्ड पर्च एवं जैविक जीव नाशकों जैसे नीम का तेल, निबौली का अर्क, बीटी, एनपीवी आदि के प्रयोग की सलाह दी। इसके साथ उन्होंने राष्ट्रीय समेकित नाशी जीव प्रबंधन केंद्र के द्वारा विकसित नई जैविक पेस्टीसाइड के बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय समेकित नाशी जीव प्रबंधन केंद्र के वैज्ञानिक डा. अनूप कुमार सिंह ने चने की इल्ली के जीवन चक्र एवं प्रबंधन के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया। कृषि विज्ञान केंद्र, फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. रजनीश चंद्र मिश्र ने रबी फसलों की वैज्ञानिक खेती करके किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्नत किस्म के रोग रोधी बीज का चुनाव, बीज शोधन, भूमि शोधन, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग एवं उचित समय पर बोआई करके कीट पतंगों के द्वारा होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। वैज्ञानिक डा. विस्टर जोशी, विक्रम सिंह, वीरेंद्र सिंह, अनूप सिंह, राजकुमार, राम गोपाल, श्यामकरन, सूबेदार मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी