बंद सहकारी समितियों पर खाद की आस में पहुंचे किसान
जागरण संवाददाता उरई खाद की किल्लत से लगातार जिले के किसान परेशान हो रहे हैं। हाला
जागरण संवाददाता, उरई : खाद की किल्लत से लगातार जिले के किसान परेशान हो रहे हैं। हालांकि प्रशासन के अधिकारी पर्याप्त डीएपी व यूरिया उपलब्ध होने की बात कर रहे हैं जबकि सहकारी समितियों पर किसानों को खाद के लिए मारामारी करनी पड़ रही है।
खरीफ की फसल के बाद समय से बारिश हो जाने पर किसान रबी की फसल की तैयारी जोरों से कर रहे हैं। बोआई का समय चल रहा है लेकिन डीएपी न मिलने से किसानों को लगातार सहकारी समितियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। जगम्मनपुर व रामपुरा सहकारी समिति में सोमवार को 400-400 बोरी डीएपी भेजी गई थी जो कि दो घंटे में ही समाप्त हो गई थी। इससे अन्य किसान अब फिर से डीएपी के लिए परेशान होने लगे हैं। कदौरा, माधौगढ़, डकोर, दमरास सहकारी समितियों पर खाद ही नहीं पहुची है, जिससे किसान 1200 रुपये की डीएपी 1500 रुपये में खरीदने को मजबूर हैं। जनपद में लगभग 1.20 लाख हेक्टेयर मटर का क्षेत्रफल है, जिसमें 14000 मीट्रिक टन लगभग डीएपी की आवश्यकता होती है जबकि अधिकारियों के अनुसार 8533 मीट्रिक टन किसानों को बांटी जा चुकी है।
बंदी दिन भी समितियों पर रही भीड़ मंगलवार को बारावफात के मौके पर सहकारी समितियां बंद थीं। इसके बाद भी जिले में किसान सहकारी समितियों पर खाद मिलने की आस में सुबह से ही पहुंच गए। समितियों पर एक तो खाद नहीं थी दूसरी बंदी की वजह से किसान मायूस होकर वापस लौट गए। अब किसान बुधवार को सुबह से फिर समितियों पर खाद के लिए लाइन लगाए नजर आएंगे।
उपलब्धता के बाद भी क्यों है किल्लत
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बफर गोदाम व फुटकर विक्रेताओं के पास कुल 2433 मीट्रिक टन डीएपी है। इसके अलावा मंगलवार की रात को एक रैक जिसमें 2647 मीट्रिक टन डीएपी आ जाएगी। फिर किसानों को पर्याप्त व समय से डीएपी क्यों नहीं मिल पा रही है।
उचित दर पर मिलेगी किसानों को खाद :
जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि यदि किसी विक्रेता द्वारा अधिक मूल्य पर उर्वरक विक्रय किए जाने की शिकायत प्रकाश में आती हैं तो संबंधित विक्रेता के विरुद्ध तत्काल प्रभाव से एफआईआर दर्ज करायी जाएगी। किसान किसी भी प्रकार की समस्या होने पर टोल फ्री 05162-252313 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।