अक्सर रात भर गायब रहती बिजली

जागरण संवाददाता उरई ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी बिजली कटौती लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। हालत यह है कि गुरुवार की पूरी रात शहर की विद्युत व्यवस्था बाधित रही जिससे बारिश होने के कारण लोग गर्मी से बिलबिला गए लेकिन सुबह त बिजली नहीं आई। गर्मी का मौसम शुरू होते ही अधिकारियों की टीम बिजली पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराने का खाका तैयार करने लगती है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 07:04 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 07:04 PM (IST)
अक्सर रात भर गायब रहती बिजली
अक्सर रात भर गायब रहती बिजली

जागरण संवाददाता, उरई : ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी बिजली कटौती लोगों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। हालत यह है कि गुरुवार की पूरी रात शहर की विद्युत व्यवस्था बाधित रही जिससे बारिश होने के कारण लोग गर्मी से बिलबिला गए लेकिन सुबह त बिजली नहीं आई।

गर्मी का मौसम शुरू होते ही अधिकारियों की टीम बिजली पानी की व्यवस्था दुरुस्त कराने का खाका तैयार करने लगती है। इसके साथ ही कागजों में हर गांव को 16 से 18 घंटे व शहरी क्षेत्र में 18 से 22 घंटे विद्युत व्यवस्था दुरुस्त दिखाई देती है। जबकि हकीकत इसके विपरीत नजर आती है। बिजली रात या दिन में कब चली जाए कोई नहीं जानता। ऐसे में गर्मी के मौसम में लोगों को बेहाल होना पड़ता है। साथ ही नलकूप न चलने के कारण पानी की भी समस्या बनी रहती है। इसके बाद भी आला अधिकारियों से जब बिजली जाने का कारण पूछा जाता है तो वह सही जवाब न देकर टालामटोली करते हैं जिससे लोग रात दिन परेशान होते रहते हैं। गुरुवार की रात को जैसे ही रात 10 बजे के लगभग बूंदाबांदी शुरू हुई तो बिजली चली गई। इसके बाद लोगों को लगा कि बिजली कुछ देर बात आ जाएगी लेकिन लोगों को रात भर बिजली के इंतजार में जागकर काटना पड़ा और शुक्रवार की सुबह सात बजे बिजली आई और आठ बजे फिर से चली गई इससे लोग पानी भी नहीं भर पाए और दिन भर पानी के लिए परेशान रहे।

टीहर में एक माह से नहीं आई बिजली

ग्रामीण क्षेत्र में बिजली शत प्रतिशत देने का सरकार का वादा अधिकारी पूरा करते नजर नहीं आते हैं। रामपुरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम टीहर में एक माह से आधे गांव में बिजली नहीं आई है। लोगों ने कई बार प्रदर्शन भी किया लेकिन किसी भी अधिकारी ने इस पर ध्यान नहीं जिससे लोग गर्मी के मौसम में परेशानी का सामना कर रहे हैं। प्रधान प्रदीप कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के साथ आला अधिकारियों को जानकारी दी जा चुकी है लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है।

समय पर भेज दिया जाता बिल

गांवों में बिजली आए या न आए लेकिन लोगों के घरों में समय पर बिजली बिल जरूर भेज दिया जाता है। अगर बिजली न आने से एक माह तक मीटर न चले तो उसे पीडीएफ कर दिया जाता है और हर महीने एक मुश्त रकम का बिल भेजकर परेशान किया जाता है। जिससे उपभोक्ता मजबूरी में शिकायती पत्र लेकर अधिकारियों के चक्कर काटता है।

लोगों की बात

गर्मी के मौसम में अगर बिजली न आए तो सारी व्यवस्था गड़बड़ा जाती है। साथ ही रात के समय सबसे अधिक परेशानी होती है लेकिन किसी को इससे कोई लेना देना नहीं होता है।

लक्ष्मण यादव

बिजली व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए आला अधिकारी त्योहार पर बैठक करते हैं लेकिन गर्मी के मौसम में इसे दुरुस्त कराने के लिए न तो बैठक होती है और न ही लोगों की समस्या सुनी जाती है।

रामशंकर द्विवेदी

बिजली न आने के कारण गुरुवार की रात को बच्चों सहित परिवार के लोग जागते रहे। बारिश होने के कारण छतों पर भी नहीं जा सके जिससे कई लोग बीमार भी हो गए हैं।

महेश पुरवार

अगर इसी तरह शहर व ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की कटौती होती रही तो जनता का धैर्य टूट जाएगा और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने मजबूरी होगी।

अरुण श्रीवास्तव

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