नए साल में जिले को मिलेगी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात

विमल पांडेय उरई जिले में नए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगने को शासन की हरी झंडी मिलने क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 06:58 PM (IST)
नए साल में जिले को मिलेगी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात
नए साल में जिले को मिलेगी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की सौगात

विमल पांडेय, उरई : जिले में नए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगने को शासन की हरी झंडी मिलने के बाद काम तेज हो चुका है। चार करोड़ 28 लाख की लागत से बनने वाले इस प्लांट निर्माण में कार्यदायी संस्था जल निगम को बनाया गया है। नगर पालिका ने इस प्लांट निर्माण के लिए दो हेक्टेअर भूमि का सीमांकन भी कर लिया है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो नए साल के जनवरी या फरवरी माह से निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण से दूषित पानी की सफाई आसानी से हो सकेगी। शहरवासियों की कई बड़ी समस्याओं से निजात इस प्लांट के निर्माण हो जाने के बाद मिलेगी।

नगर पालिका ने लगभग पांच महीना पहले जिले में एक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण का प्रस्ताव बोर्ड की बैठक में रखा था। इस प्रस्ताव को जिला प्रशासन ने भी आगे बढ़ाते हुए शासन तक पहुंचाया था। शुरु में सबसे पहले इस सीवर प्लांट के निर्माण को लेकर जमीन की समस्या रही है। इसके निर्माण के लिए करीब 2 हेक्टेअर भूमि की जरूरत थी। नगर पालिका ने यह जमीन उपलब्ध करा दी है।शासन द्वारा पालिका को आश्वस्त किया गया है कि प्रस्ताव के अतिरिक्त भी यदि धन की आवश्यकता पड़ी तो वह भी रिवाइज बजट के रुप में पूरी की जाएगी। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की खास बातें :

कुल लागत : 4 करोड़ 28 लाख

कार्यदाई संस्था : जल निगम

आवंटित जमीन : 2 हेक्टेअर

सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता : 10 एमएलडी

नए प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति :

- भूमि परीक्षण कराया जा चुका है

- ड्राइंग डिजाइन बनने गई है

- जनवरी माह से शुरु हो सकता है काम

यह मिलेगा लाभ :

घरों व उद्योगों से निकलने वाले पानी को करेगा साफ

- प्रदूषित पानी का एक बड़ा उपयोग व बचत

जल संरक्षण की योजना भी होगी साकार

क्या है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट :

घरों और फैक्ट्रियों और औद्योगिक इकाइयों के दूषित पानी को साफ करने की प्रक्रिया को ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कहा जाता है। यह तीन चरणों में अपनाया जाता है। इससे निकले जैविक पदार्थ को खाद एवं उर्वरक के रुप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शहर का यह बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट था। काफी इंतजार के बाद इस प्रोजेक्ट के निर्माण को हरी झंडी मिली है। शहर में प्रदूषित पानी को आम लोगों को मुक्ति मिल सकेगी। साथ गंदे पानी को ट्रीटमेंट किया जा सकेगा। जल संरक्षण की दिशा में भी यह प्लांट उपयोगी होगा।

अनिल गहोई बहुगुणा, चेयरमैन नगर पालिका

इस प्रोजेक्ट को मूर्त रुप देने के प्रयास तेज हो रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही प्रोजेक्ट का कार्य शुरु कराया जाएगा। आवश्यक सरकारी कार्यों को पूरा कराया जा रहा है। इस निर्माण कार्य की मानीटरिग नगर पालिका भी करेगी।

संजय कुमार, ईओ, नगर पालिका, उरई

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