अनाथ बच्चों को सहारा देंगे जिले के जनप्रतिनिधि

जागरण संवाददाता उरई कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता पिता खो दिए हैं उनकी सुधि सरकार ने ली है। जनप्रतिनिधि भी उनके भविष्य को लेकर संजीदा हैं। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आए चिन्हित बच्चों से हाल चाल पूछा और उनको हर सहायता देने का भरोसा दिया। इसके अलावा चाइल्ड हेल्प लाइन भी इन बच्चों से 15 दिन में संपर्क कर हाल लेती है कि बच्चों को कोई तकलीफ तो नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:29 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:29 PM (IST)
अनाथ बच्चों को सहारा देंगे जिले के जनप्रतिनिधि
अनाथ बच्चों को सहारा देंगे जिले के जनप्रतिनिधि

जागरण संवाददाता, उरई : कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता पिता खो दिए हैं उनकी सुधि सरकार ने ली है। जनप्रतिनिधि भी उनके भविष्य को लेकर संजीदा हैं। गुरुवार को कलेक्ट्रेट में आए चिन्हित बच्चों से हाल चाल पूछा और उनको हर सहायता देने का भरोसा दिया। इसके अलावा चाइल्ड हेल्प लाइन भी इन बच्चों से 15 दिन में संपर्क कर हाल लेती है कि बच्चों को कोई तकलीफ तो नहीं है।

जिले में कुल 25 ऐसे बच्चे चिन्हित किए गए हैं जिनके या तो मां की मृत्यु हो गई या फिर पिता कोरोना संक्रमण से चल बसे। इनमें से दो बच्चे अब तक ऐसे मिले हैं जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गई है। हालांकि यह बच्चे अपने नजदीकी रिश्तेदारों की देखरेख में रह रहे हैं और इन सभी को सरकार की योजनाओं का लाभ भी देना शुरू कर दिया गया है। जनप्रतिनिधियों ने भी बच्चों की सहायता करने में अपनी रुचि दिखाई है। गुरुवार को बच्चों को पाठ्य सामग्री के साथ ही फल व अन्य वस्तुएं एनआईसी में दी गई थीं। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने हर संभव मदद का भरोसा दिया। बोले जनप्रतिनिधि

- अनाथ हुए बच्चों के लिए सरकार तो हर संभव मदद कर ही रही है लेकिन बच्चे जिले की धरोहर हैं। प्रोबेशन विभाग से कहा गया है कि इन बच्चों को अगर कोई जरूरत पड़े तो बताएं सहायता की जाएगी।

गौरीशंकर वर्मा, सदर विधायक - अनाथ हुए बच्चों से कलेक्ट्रेट में हाल चाल जाना था। साथ ही उनसे कहा भी था कि कभी परेशान न होना जो जरूरत होगी उसे पूरा किया जाएगा। बच्चों की सहायता में कोताही नहीं करेंगे।

नरेंद्र पाल सिंह जादौन, कालपी विधायक - सिर्फ सरकार का ही नहीं बल्कि जिले का जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारा भी दायित्व है कि ऐसे बच्चों की मदद की जाए। जो भी जरूरत होगी उसे पूरा जरूर किया जाएगा।

घनश्याम अनुरागी, जिला पंचायत अध्यक्ष चाइल्ड हेल्प लाइन भी कर रही सहायता

अनाथ बच्चों का सर्वे चाइल्ड हेल्प लाइन ने ही किया था। इसके बाद सूची प्रोबेशन विभाग को दी थी। बच्चों से व्यक्तिगत संपर्क कर उनकी समस्या पूछी। हेल्प लाइन के जिला को-आर्डिनेटर शिवमंगल सिंह ने बताया कि जो बच्चे अत्यंत गरीब हैं उनको राशन की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही हर 15 दिन में बच्चों का हाल चाल जानते हैं ताकि बच्चों को कोई परेशानी न होने पाए। समाजसेवियों की अपील :

- कोरोना महामारी के दौरान देश प्रदेश में बहुत से परिवार तबाह हो गए। तमाम बच्चे अनाथ हो गए। इन बच्चों को स्नेह देकर उनकी सहायता करना हर सक्षम व्यक्ति का दायित्व है। यही मानवता है।

श्रवण कुमार द्विवेदी, समाजसेवी - इन बच्चों की सेवा करने से बड़ा परोपकार दूसरा कोई हो नहीं सकता है। संस्थाएं व सक्षम लोग इन बच्चों की सहायता कर उनको प्यार व दुलार दें ताकि पढ़ लिखकर वह भी समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।

अनिल सिंह, निदेशक परमार्थ समाजसेवी संस्थान

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