खेतों में डीएपी की जरूरत, स्टेशन पर रखी यूरिया

जागरण टीम कानपुर वर्तमान में खेतों में बोआई को लेकर डीएपी खाद की जरूरत है लेकिन जा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:32 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:32 PM (IST)
खेतों में डीएपी की जरूरत, स्टेशन पर रखी यूरिया
खेतों में डीएपी की जरूरत, स्टेशन पर रखी यूरिया

जागरण टीम, कानपुर : वर्तमान में खेतों में बोआई को लेकर डीएपी खाद की जरूरत है, लेकिन जालौन में रेलवे स्टेशन पर दो हजार मीट्रिक टन यूरिया आई है। वह भी डंप है। सरकारी आंकड़ों में आठ हजार मीट्रिक टन डीएपी की उपलब्धता जिले में है। 70 सहकारी समितियों में से प्रत्येक पर रोज 20 मीट्रिक टन खाद भेजी भी जा रही है। हालांकि, मौके पर हकीकत इससे इतर है। किसान समितियों से मायूस लौट रहे हैं और निजी दुकानों पर महंगी दरों में खाद खरीदने को मजबूर हैं। सहकारी समिति में 1205 रुपये प्रति बोरी (50 किलोग्राम) की दर है, जबकि निजी में 1300 से 1500 रुपये प्रति बोरी में बिक्री हो रही है। एक अधिकारी के मुताबिक, डीएपी जिले में पर्याप्त मात्रा में थी, लेकिन कुछ जिम्मेदारों के इशारे पर गैर जनपद भेजने से समस्या हुई है।

उधर, बांदा जिले में खाद का पर्याप्त स्टाक है। चित्रकूट में पांच हजार मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। हमीरपुर के मौदहा में एक सप्ताह से खाद न आने से नाराज किसानों ने शनिवार को हाईवे पर जाम लगा दिया। खाद पहुंचने पर जाम हट सका। राठ के विक्रय केंद्रों में खाद खत्म होने से लाइन में लगे किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ा। महोबा में 1100 मीट्रिक टन डीएपी पहुंची है। इटावा में खाद की किल्लत नहीं है। कन्नौज में लक्ष्य के अनुसार डीएपी की उपलब्धता नहीं होने से दिक्कत है। फर्रुखाबाद में संकट है। फतेहपुर में भी समस्या बरकरार है। कानपुर देहात में सिकंदरा व झींझक में समस्या है। उन्नाव में समस्या नहीं है। बारिश में बीज बर्बाद होने से दोबारा बोआई के कारण बढ़ी मांग

रबी की फसल की बोआई कर चुके तमाम किसानों के बीज बारिश के कारण खेतों में खराब हो गए हैं। इससे दोबारा बोआई को लेकर उन्हें डीएपी की जरूरत है। कई किसानों की रात समिति के बाहर गुजर रही है, जिससे सुबह कतार में लगकर खाद ले सकें। पुलिस सुरक्षा में उतरी खाद, उमड़े किसान

जालौन में डीएपी खाद के लिए इस कदर परेशानी है कि शनिवार सुबह लौना रोड स्थित कृषक सेवा केंद्र पर खाद का ट्रक आने पर किसान उमड़ पड़े। इसलिए पुलिस सुरक्षा के बीच खाद उतारी गई। किसानों की भीड़ के कारण बिक्री बंद रही। एआर सहकारिता प्रेमचंद्र का कहना है कि जिले में तीन दिन पहले 2650 मीट्रिक टन डीएपी आई थी। जिले में अभी आठ हजार मीट्रिक टन डीएपी खाद की उपलब्धता है। किसान को प्रति एकड़ 46 किलो डीएपी देने का प्रविधान है, लेकिन किसानों की अधिक मांग से परेशानी है। किसान मानक के अनुसार खरीदें तो परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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