लगातार रिमझिम बारिश बनी मुसीबत सड़क पर चलना मुश्किल

- तीन दिन से हो रही बारिश से लोग बेहाल - बदहाल हुईं शहर समेत ग्रामीण इलाकों की स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:46 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:46 PM (IST)
लगातार रिमझिम बारिश बनी मुसीबत सड़क पर चलना मुश्किल
लगातार रिमझिम बारिश बनी मुसीबत सड़क पर चलना मुश्किल

- तीन दिन से हो रही बारिश से

लोग बेहाल - बदहाल हुईं शहर समेत ग्रामीण इलाकों की सड़कें जागरण संवाददाता, उरई : लगातार 72 घंटे से रुक- रुक कर हो रही बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। शहर समेत कई गांवों तक पक्का मार्ग न होने की वजह से आवागमन बाधित हो गया है। पक्की सड़क के पर गड्ढों में भरा कीचड़ मुसीबत बना हुआ है। धीमे-धीमे बारिश होने के कारण कई जगह कच्चे घर भी गिर गए हैं।

चार दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण खरीफ की फसल में पानी भर जाने से फसलें बर्बाद हो रही हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा अभी तक पक्के मार्ग से न होने के कारण महेबा, रामपुरा, कदौरा, माधौगढ़, डकोर ब्लाक के कई गांवों के लोगों का गांव से आवागमन बाधित हो गया है। शहर के मोहल्ला सुशील नगर में लगातार बारिश के बाद गलियों व खाली स्थानों पर जलभराव हो गया है। जेल रोड पर हुए गड्ढों में कीचड़ व गंदा पानी भरा है जिससे वाहन चालकों को निकलने में व दुकानदारों को परेशानी हो रही है।

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कई गांवों तक पहुंचना हुआ मुश्किल :

महेबा : बारिश के कारण खैरई से बैराई तक केवल 2 किमी मार्ग कच्चा होने की वजह से कालपी पहुंचने के लिए सरसेला होकर 16 किमी का लोगों को चक्कर लगाना पड़ रहा है। टिकावली के देव नारायण सिंह ने बताया कि महेबा से पिपरौंधा तक पक्का मार्ग बना है इसके बाद गांव तक बनाया गया मार्ग अधूरा पड़ा है। 1 किमी कच्चा होने की वजह से इस समय अगर ब्लाक तक ही किसी को जाना पड़े तो 33 किमी का चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है। जबकि गांव से महेबा की दूरी 6 किमी एवं कालपी की 21 किमी है। खैरई के प्रधान अरुण सोनी ने बताया कि इस समय अगर कोई बीमार हो जाए तो मरीज को इलाज के लिए कालपी उरई ले जाने में बड़ी मुश्किल होगी। टरननगंज की सड़क बारिश में बनी परेशानीकालपी : तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण शहर की मुख्य टरननगंज सड़क के गड्ढों में कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है। 15 वर्षों से निर्माण की आस में अधूरी पड़ी इस सड़क का अब तक निर्माण नहीं हो सका है। जिससे बारिश में यह सड़क लोगों के पैदल चलने लायक भी नहीं बची है। हालत यह है कि मुख्य बाजार की सड़क होने के बाद भी इसी मरम्मत नहीं कराई गई है जिससे यह लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। अखिलेश पुरवार, सुनील पटवा, हबीब खान, आयुष विश्नोई ने व्यापारियों ने बताया कि नगर में सड़क व जलभराव व कीचड़ की समस्या नई नहीं है। कई बार शिकायत व ज्ञापन दिए जा चुके हैं फिर भी सड़क नहीं बनी।

बड़े-बड़े गड्ढों से नहीं निकल पाते वाहन

रामपुरा : ब्लाक क्षेत्र के ग्राम निनावली से लेकर राठौरानपुरा गांव होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा को जोड़ने वाली इस सड़क को वर्ष 2000 में सुनिश्चित ग्रामीण योजना के तहत बनवाया गया था। 2007 में इस सड़क की मरम्मत पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराई गई। तब से लेकर यह सड़क लगातार उखड़ती गई। अब इस सड़क के बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भर गया जिससे वाहन चालकों को निकलने में परेशानी होती है। कच्चा घर गिरने से मां बेटा घायल

आटा : लगातार हो रही बारिश से घर गिरने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। ग्राम अकबरपुर इटौरा निवासी बिट्टन देवी और उनका पुत्र पवन शुक्रवार की सुबह घर के अंदर थे तभी अचानक उसका कच्चा घर गिर गया। घर गिरने की आवाज को सुनकर उनके पड़ोसी वहां आ गए और उन दोनों के ऊपर पड़ा हुआ मलबा तुरंत हटाया। घर का मलबा दोनों के ऊपर गिरने से दोनों घायल हो गए। इसके बाद घायलों को आनन फानन में नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।

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लोगों की बात :

बाढ़ प्रभावित गांवों में बारिश होने की वजह से और परेशानियां बढ़ गई हैं। पक्के मार्गो में भी जगह-जगह गड्ढे हो जाने से आवागमन बाधित है।

गजेंद्र सिंह, सिमरा शेखपुर चार दिनों से हो रही बारिश के कारण सबसे अधिक कच्चे घरों को नुकसान हुआ है। कई गांवों में लोग घर गिरने से बेघर हो गए हैं और गृहस्थी भी खराब हो गई है। जिससे काफी नुकसान हो रहा है।

अरुण सोनी, प्रधान खैरई जिम्मेदार बोले :

बारिश से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है लेकिन ऊंचाई वाले क्षेत्रों की फसल बच सकती है। जिन खेतों में पानी भर गया है किसान पंपिग सेट लगाकर पानी खाली करा दें तो फसल बच जाएगी।तीन दिनों में करीब 200 मिलीमीटर बारिश हुई है।

राजीव कुमार सिंह, कृषि वैज्ञानिक

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