शिकायतें लाख, कार्रवाई शून्य
संवाद सहयोगी, कोंच : बुंदेलखंड की बड़ी समस्या होने के बाद भी अन्ना जानवरों से मुक्ति के कोई
संवाद सहयोगी, कोंच : बुंदेलखंड की बड़ी समस्या होने के बाद भी अन्ना जानवरों से मुक्ति के कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं। दर्जनों की संख्या में अन्ना जानवरों का झुंड परभर में किसानों की फसल बर्बाद कर देता है। ऐसा नहीं कि इनसे निजात पाने की आवाज नहीं उठाई जाती है। किसान लगातार शिकायतें दर्ज कराते आ रहे हैं। इसके बावजूद कार्रवाई शून्य ही दिखाई दे रही है।
जिले में हालत यह है कि अब अन्ना वाहनों का रास्ता भी रोक रहे हैं। आए-दिन दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं। पशुपालकों द्वारा दूध नहीं दे पाने वाले जानवरों को छुट्टा छोड़ दिया जाता है। ऐसे मवेशियों के कारण गहराई अन्ना जानवरों की समस्या के निदान के लिए पुलिस ने भी कोई सख्ती नहीं बरती है। पुलिस की नरमी अन्ना प्रथा को बढ़ावा देने वालों के लिए सहायक सिद्ध हुई और उन्होंने बिना किसी भय के अपने जानवर अन्ना कर दिए।
हजारों की संख्या में अन्ना विचर रहे जानवरों का झुंड जिस गांव की ओर मुड़ जाता है उस गांव के किसानों का दिन का चैन रातों की नींद उड़ जाती है। किसान लाठियां लेकर जानवरों को भगाने में लग जाते हैं। जानवर जब भागकर दूसरे गांव की ओर भागते हैं तो वहां के हालात भी पहले गांव की तरह हो जाते हैं। कई बार तो अन्ना जानवरों को लेकर पड़ोसी गांवों का भाईचारा तक झगड़ों के कारण मिट गया। लिहाजा गांव वालों ने अन्ना जानवरों को शहर की ओर हांक दिया। जिस कारण अन्ना जानवर सड़कों पर फैल गए।
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किसानों की फरियाद को नहीं सुनती पुलिस
अन्ना जानवरों की समस्या से निपटने के लिये शासन ने पुलिस को हर बार आवश्यक कार्यवाही हेतु कहा है। शासन के निर्देश पर पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा कई बार गांवों में मुनादी भी कराकर जानवर अन्ना करने वालों को चेताया भी गया। चौपाल के माध्यम से अन्ना प्रथा से नुकसान के बारे में बताया भी गया लेकिन यह सब महज एक औपचारिकता तक ही सीमित रहा। पुलिस ने उन जानवरों के मालिकों के विरुद्ध कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की जिनके कारण अन्ना प्रथा को बढ़ावा मिलता गया। कई बार ग्रामीण शिकायतें लेकर थाने में पुलिस के पास पहुंचे। दुश्मनी की परवाह न करते हुए भी आरोपितों के नाम भी बताए परंतु कोई हल नहीं निकला।
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जिम्मेदार बोले
अन्ना प्रथा वाकई बड़ी समस्या है। इस प्रथा को समाप्त करने के लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा। जानकारी मिलने पर पुलिस शांति व्यवस्था भंग करने की कार्यवाही करती है। लोगों को चाहिए कि वह अपने जानवर को बांधकर रखें। उनके लिए गौशाला चारागाह बनाएं। जनसहयोग से हर समस्या निपटाई जा सकती है। देवेंद्र ¨सह, प्रभारी निरीक्षक कोंच