बगैर पंजीकरण के संचालित हो रहीं कोचिग, नहीं हो रही कार्रवाई
बच्चों को पढ़ाने के लिए नगर में जगह जगह कोचिग सेंटर संचालित हो रहे।
संवाद सहयोगी, जालौन : बच्चों को पढ़ाने के लिए नगर में जगह जगह कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। फीस के नाम पर मोटी रकम लेने के बाद भी इन कोचिग के संचालकों ने इनका शिक्षा विभाग में पंजीकरण नहीं कराया है। इससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।
नगर में सरकारी विद्यालयों तथा प्राइवेट विद्यालय के कई शिक्षकों के अलावा शिक्षित बेरोजगार नगर में कोचिग सेंटर संचालित कर रहे हैं। एक अनुमान के तहत नगर में करीब 20 प्राइवेट कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। जिनमें यूपी बोर्ड तथा सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 9, 10, 11, 12 की पढ़ाई हो रही है। नगर व ग्रामीण क्षेत्र के हजारों छात्र छात्राएं कोचिग पढ़ रही हैं। इसके अलावा अंग्रे•ाी माध्यम की प्राइमरी व जूनियर तक की कोचिग चल रही है। इन कोचिग सेटरों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों से फीस के नाम पर लाखों रुपये इधर से उधर होता है। इसके बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। जिससे धड़ल्ले से कोचिग सेंटर संचालित हो रहे हैं। कोचिग पंजीयन आवश्यक
शिक्षा विभाग के नियमानुसार कोई शिक्षक अगर 10 बच्चों से ज्यादा बच्चों को पढ़ाता है तो उसे कोचिग सेंटर का पंजीयन कराना आवश्यक है। अगर कोई शिक्षक पंजीकरण नहीं कराता है तो जिला विद्यालय निरीक्षक जांच कर उसे बंद करा सकते हैं।
बच्चों बैठने तक की नहीं व्यवस्था
नगर में चलने वाली कई कोचिग सेंटरों पर सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। पीने का पानी, बैठने के लिए कुर्सी बैंच तक की व्यवस्था नहीं है। इसके बाद भी फीस के नाम पर मोटी रकम वसूल कर रहे हैं। पंजीयन शुल्क बना पंजीयन न कराने का कारण
नगर में संचालित कोचिग सेंटरों का पंजीयन संचालक इसलिए नहीं कराते हैं क्योंकि पंजीयन के बाद प्रति छात्र पंजीयन शुल्क जमा करना होता है। छात्रों की संख्या कम ज्यादा होती रहती है जबकि सरकारी व्यवस्था के तहत एक वर्ष का पंजीयन शुल्क जमा करना पड़ता है। जिम्मेदार बोले
कोचिग सेंटर चलने की सूचना उनके पास नहीं है। अगर कोई जानकारी मिलेगी तथा बगैर पंजीयन के कोई कोचिग संचालित पाई जाती है तो उसे बंद करा दिया जाएगा।
भगवत पटेल, डीआइओएस