अधिकारियों की आंखों पर पट्टी, हरे पेड़ों पर चल रही आरी

संवाद सहयोगी जालौन पर्यावरण संरक्षण के लिए एक तरफ सरकार पौधारोपण शुरू कराने जा रही है वहीं लकड़ी माफिया बेखौफ नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की आंख पर पट्टी बंधी है और माफिया हरे पेड़ों पर आरी चलाने में जुटे हैं। आरोप है कि वन विभाग की साठगांठ से हरे पेड़ों की कटान की जा रही है। अवैध रूप से काटे गए आम व नीम के पेड़ों की लकड़ी कई दिनों से बंगरा मार्ग पर पड़ी है और अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी है। शुक्रवार को देश पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए पर्यावरण दिवस मनाएगा। अधिकारी भी जोरशोर से जागरुकता संबंधी अभियान चलाएंगे। वहीं दूसरी ओर नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के किनारे लगे हरे पेड़ों की कटान लगातार चल रही है जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 11:13 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 11:13 PM (IST)
अधिकारियों की आंखों पर पट्टी, हरे पेड़ों पर चल रही आरी
अधिकारियों की आंखों पर पट्टी, हरे पेड़ों पर चल रही आरी

संवाद सहयोगी, जालौन : पर्यावरण संरक्षण के लिए एक तरफ सरकार पौधारोपण शुरू कराने जा रही है, वहीं लकड़ी माफिया बेखौफ नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की आंख पर पट्टी बंधी है और माफिया हरे पेड़ों पर आरी चलाने में जुटे हैं। आरोप है कि वन विभाग की साठगांठ से हरे पेड़ों की कटान की जा रही है। अवैध रूप से काटे गए आम व नीम के पेड़ों की लकड़ी कई दिनों से बंगरा मार्ग पर पड़ी है और अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी है।

शुक्रवार को देश पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के लिए पर्यावरण दिवस मनाएगा। अधिकारी भी जोरशोर से जागरुकता संबंधी अभियान चलाएंगे। वहीं दूसरी ओर नगर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के किनारे लगे हरे पेड़ों की कटान लगातार चल रही है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि वन विभाग के कर्मचारियों तथा लकड़ी ठीकेदारों के गठजोड़ से यह धंधा खूब फलफूल रहा है। पुलिस व वन विभाग से सेटिग का गठजोड़ इतना गहरा है कि लकड़ी माफिया खुलेआम प्रतिबंधित आम, नीम के पेड़ की कटान करा रहे हैं। दिन के उजाले में लकड़ी को ढोते हैं। बंगरा मार्ग पर आधा दर्जन से ज्यादा आम व नीम की लकड़ी पड़ी है। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने मौके पर जाकर जाकर पूछताछ करने तक की जहमत नहीं उठाई। क्षेत्रीय वन अधिकारी रवींद्र भदौरिया ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है वह कर्मचारी को भेज जांच कराएंगे। अवैध कटान किसी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी।

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