ट्रैक दोहरीकरण की अधूरी तैयारियां देख गुस्साए सीआरएस, लगाई फटकार
जागरण संवाददाता उरई बुधवार को मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एम. लतीफ खां ने कानपुर-झां
जागरण संवाददाता, उरई : बुधवार को मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) एम. लतीफ खां ने कानपुर-झांसी रेलखंड के सरसौखी-भुआ रेलवे लाइन का निरीक्षण कर दोहरीकरण कार्यों की हकीकत देखी। इस दौरान एक के बाद कई खामियां देखने को मिली। जिन्हें तुरंत दुरुस्त कराने के निर्देश दिए।
सीआरएस ने सबसे पहले भुआ स्टेशन का निरीक्षण किया। इसके बाद क्रॉसिग नंबर 177 व 179 पर नवनिर्मित पुल को देखा। जहां कमियों को दुरुस्त कराने के लिए डीआरएम संदीप माथुर को निर्देश दिए। सरसौखी-भुआ में 20 किलोमीटर दूरी पर दोहरीकरण कार्य आधी-अधूरी तैयारियों के साथ कंप्लीट तो हो गया लेकिन खामियां नहीं दूर हो सकीं। राठ ओवरब्रिज से ठीक 200 मीटर पहले टर्निंग प्वाइंट बना हुआ था, यहां बड़ा कॉशन देख जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही कहा कि हर समय कॉशन लगाने से यह तो जल्दी खराब हो सकता है। ऐसे में इसे तुरंत दुरुस्त करा दिया जाए।
निरीक्षण के दौरान भी चलता रहा कार्य
एनआई (नॉन इंटरलॉकिग) का काम पूरा नहीं हुआ। जबकि इसके लिए पहले से ही समय और दिन निर्धारित था। यार्ड में मानक की अनदेखी कर लगातार कार्य किया जा रहा है।
मानक की अनदेखी कर कराया कार्य
सीआरएस के निरीक्षण को लेकर आरबीएनएल के अधिकारी जल्दबाजी में काम को गति दे रहे हैं। जिससे अनियमितिता का भय बना हुआ है। ऐसा स्थित में कार्य का होना भविष्य में दुर्घटना को दावत देने जैसा है। फिर भी दोहरीकरण में जल्दबाजी दिखाई गई। जबकि सीआरएस दौरा तभी होता है जब पूरी तरह से सेक्शन में काम कंप्लीट हो जाता है।
नए पैनल कक्ष में भी कई कमियां
ए-श्रेणी के रेलवे स्टेशन पर सीआर ने बनाए गए नए पैनल कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने टेलीफोन से गेटमैनों से बातचीत कर पूछताछ की। उनके पद पूछ कर जानकारी ली। स्टेशन अधीक्षक कुमार अंशुल से भी पैनल के बारे में बातचीत की। वहीं डिस्पले के माध्य से रेड, ग्रीन ब्लू सिग्नल को भी चेक किया। वहां पर सेक्शन चार्ट देखकर भी नाराजगी जताई। कहा कि इसके अक्षर को बढ़ा दिया जाए।
रास्ते को लेकर डीआरएम को सौंपा ज्ञापन
मोहल्ला इंदिरा नगर के निवासी अकरम, सलमा, रामदुलारी, सोनू, आशाराम, रेखा, विशाल, आनंद आदि ने रास्ते की मांग को लेकर डीआरएम संदीप माथुर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि पत्र बनाकर भेज दीजिए। इसके बाद मामला आगे बढ़ाकर एक साल के अंदर कार्य शुरू करा दिया जाएगा। ----- इन्हें खामियों को बिना देखे ही निकल गए सीआरएस तस्वीर - 1
पूराने माल गोदाम के पास अधूरे पड़े रेलवे ट्रैक का कार्य 16 मार्च तक कंप्लीट होना था। लेकिन ऐसा न हो सका। फिर भी दोहरीकरण की जांच कराने के लिए सीआरएस को बुला लिया गया। उन्होंने ने भी सिर्फ तीसरी लाइन का निरीक्षण किया। जबकि प्लेट फार्म एक को जाने वाली अधूरे रेलवे ट्रैक को देखा ही नहीं। ------------------
तस्वीर - 2
राठ ओवरब्रीज के पास रेलवे ट्रैक की पैकिग प्रेशर मशीन की जा रही थी। जिससे ट्रैक में मजबूती आ सके। अगर यही काम सीआरएस से पहले कर दुरुस्त कर लिया जाता तो गुणवत्ता की बेहतर जांच हो सकती थी। तस्वीर - 3
प्लेट फार्म नंबर एक को जाने वाली ट्रैक पर बुलडोजर से रेलवे ट्रैक को ठीक जा रहा है। साथ ही ट्रैक पर वेल्डिग का कार्य भी हो रहा था, और कई जगह अधूरा ट्रैक छूटा पड़ा था। वहीं डीआरएम संदीप माथुर का कहना था कि यह पांच बजे तक कंप्लीट कर हरी झंडी सीआरएस देंगे। तस्वीर - चार
दोहरीकरण के दौरान एक भी प्लेट फार्म नंबर एक और दो दिव्यांगों के लिए रैंप का निर्माण कार्य भी अभी पूरा नहीं हुआ है। साथ ही न कोंच इंडीकेट चालू हुए है। जिससे यात्री डिस्पले देखकर अपनी बोगी में जा सके।
यान से 110 की स्पीड से किया ट्रायल
दोहरीकरण की जांच परख करने के लिए शाम पांच बजे यान से 110 की स्पीड से ट्रायल किया जाएगा। मानक के अनुरूप होने पर सीआरएस डबलिग कार्य को मंजूरी देंगे।
- संदीप माथुर, डीआरएम, झांसी