तीन घंटे चले ऑपरेशन के बाद सलाखों के पीछे पहुंचा भ्रष्ट बाबू
जागरण संवाददाता उरई वेतन समायोजन के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले बाबू विनय कु
जागरण संवाददाता, उरई :
वेतन समायोजन के लिए दस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले बाबू विनय कुमार के खिलाफ एंटी करप्शन की टीम ने करीब चार घंटे कवायद की। सब कुछ तय होने के बाद उसे पकड़ा गया। रकम हाथ में थी लिहाजा अपने सफाई में कहने के लिए उसके बाद कुछ नहीं था। अपराधी की तरह गाड़ी में डालने के बाद उसे कोतवाली लाया गया।
एंटी करप्शन की टीम में प्रभारी निरीक्षक प्रेम चंद्र समेत कुल नौ सदस्य थे, लेकिन सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते पकड़े जाने के लिए सरकारी गवाह भी जरूरी थे। लिहाजा नियमानुसार एंटी करप्शन की टीम ने डीएम कार्यालय में ऑपरेशन भ्रष्टाचार के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद कर्मचारी कलेक्ट्रेट के टीम में शामिल किए गए। इस तरह कुल 11 सदस्यीय टीम दबिश लेने के लिए बीएस कार्यालय पहुंची। इससे पहले ओम जी राना बाबू के पास पहुंचे। उन्होंने दस हजार रुपये बाबू के दिए। नोटों में विशेष केमिकल लगा हुआ था। जिससे बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया जा सके। अपने लालच के चलते विनय कुमार वर्मा खुद फंस गया। उसे पकड़ने वाली टीम में एंटी करप्शन यूनिट के प्रभारी निरीक्षक प्रेम कुमार , निरीक्षक सुरेंद्र सिंह, अमरीश कुमार यादव, उप निरीक्षक मोहम्मद इसरार, मुख्य आरक्षी क्रांति कुमार पांडेय, राजबहादुर सिंह, सूर्येंद्र प्रताप सिंह, इरशाद खान, निरंजन सिंह आदि शामिल थे। गिरफ्तार बाबू को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। वहीं शिकायतकर्ता के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं।
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पैरवी करने वाले भी जुटे :
रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार बाबू की उरई में भी अच्छी जान पहचान है, लिहाजा उसकी पैरवी के लिए कोतवाली में तमाम लोग आए, लेकिन बचाव कोई रास्ता नहीं होने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा।