विश्व परिवार दिवस आज : अपने थे संग, जीत ली जंग

ऐसा परिवार। जहां हर सदस्य एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हो। ऐसे तमाम परिवार हैं भी जो आज के दरकते रिश्तों को एकजुटता के लिए प्रेरित करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 12:29 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 12:29 AM (IST)
विश्व परिवार दिवस आज : अपने थे संग, जीत ली जंग
विश्व परिवार दिवस आज : अपने थे संग, जीत ली जंग

हाथरस : ऐसा परिवार। जहां हर सदस्य एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील हो। ऐसे तमाम परिवार हैं भी, जो आज के दरकते रिश्तों को एकजुटता के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे ही संयुक्त परिवार की दम थी जो कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन को भी मात दे दी। संक्रमित सदस्य को आइसोलेशन का आभास भी नहीं होने दिया। दीवारों की बंदिश भले ही थी, मगर संवेदनाओं को पूरी छूट थी। खानपान, दवा आदि का पूरा ध्यान रखा। अहसास ही नहीं होने दिया कि संकट के इस दौर में वो अकेले हैं। किसी-किसी परिवार के सभी सदस्य संक्रमित हो गए। तब भी एक-दूसरे को हौसला देते रहे। और, जंग जीत ली। विश्व परिवार दिवस के मौके पर ऐसे ही परिवारों की दास्तां- परिवार बढ़ाता रहा हौसला

हाथरस के हसायन कस्बा के मुहल्ला दखल में राकेश कुमार अपने दो भाइयों के साथ संयुक्त परिवार में रहते हैं। दोनों भाइयों की शादी हो चुकी है। अप्रैल में राकेश कुमार कोरोना संक्रमित हो गए। होम क्वारंटीन हो गए। स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में उपचार लिया। साथ ही, काढ़ा भी लेते रहे। वे बताते हैं कि आइसोलेट भले ही थे, मगर परिवार के सदस्य उनका हौसला बढ़ाते रहे। दवा लेनी हो या खाना, काढ़ा पीना है या अन्य जरूरत। परिवार के सदस्य इसका पूरा ध्यान रखते। कभी अकेलापन महसूस नहीं किया। परिवार के सदस्यों का सहयोग ही रहा कि मैंने हिम्मत नहीं हारी। 15 दिन बाद मेरी रिपोर्ट निगेटिव आ गई।

परिवार ने दिया पूरा साथ

हाथरस जिले के कस्बा सासनी के मुहल्ला पटवारी निवासी राकेश शर्मा व उनकी पत्नी अर्चना कोरोना संक्रमित हो गए। संयुक्त परिवार है। राकेश बताते हैं कि ऊपरी मंजिल पर हम दोनों अलग-अलग कमरों में आइसोलेट हो गए। इस दौरान परिवार के हर सदस्य ने हमारा ख्याल रखा। पिता दाऊ दयाल शर्मा की सलाह पर काढ़ा का सेवन करते रहे। समय पर खाना और दवा मिलती रही। कुछ दिन बाद हम दोनों ने कोरेाना को हरा दिया।

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