आधी-अधूरी तैयारी, मतगणना पर पड़ी भारी

मतगणना के परिणामों की आस में निराश दिखे प्रत्याशियों के समर्थक जिले में किसी मतगणना केंद्र पर नहीं बनाया गया मीडिया का शिविर दोपहर बाद सुस्त हो गया सुरक्षा का ताना-बाना कोई रोक-टोक नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 07:01 AM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 07:01 AM (IST)
आधी-अधूरी तैयारी, मतगणना पर पड़ी भारी
आधी-अधूरी तैयारी, मतगणना पर पड़ी भारी

योगेश शर्मा, हाथरस : मतणगना को बेहतर ढंग से कराने का दावा भरने वाला सरकारी सिस्टम दिनभर हांफता नजर आया। सही मायने में तो आधी-अधूरी तैयारी मतगणना के दिन भारी पड़ती नजर आई। न तो लोगों को समय से परिणामों की जानकारी मिल पाई और न मीडिया बंधु को जानकारी देने के लिए कोई पक्की व्यवस्था नजर आई। सूचना विभाग ने दिनभर की मतगणना का अपडेट अफसरों के दौरे के साथ खत्म कर दिया। सुबह-सुबह चुस्त दिख रहा सुरक्षा का ताना-बाना दोपहर होने तक अलसाया नजर आया। अनुभवी अफसरों का किनारा

पंचायत चुनाव तो कई बार लोगों ने देखा होगा, यह भी देखा होगा कि किस तरह हर प्रत्याशी की जीत के बारे में माइक से एनाउंस किया जाता रह है। जिला पंचायत सदस्यों की राउंडवाइज मतगणना के बारे में लोगों को अपडेट करने का चलन था, मगर इस बार आधी-अधूरी तैयारियों के कारण समर्थकों को निराशा हाथ लगी। इसका बड़ा कारण अनुभवी अफसरों का किनारा करना भी रहा।

मीडिया शिविर नदारद :

यह पहली दफा हुआ कि मतगणना स्थलों पर न तो मीडिया शिविर बनाए गए और न मीडिया बंधुओं को बैठने की कोई व्यवस्था की गई। व्यवस्था करने का काम सूचना विभाग का होता है, मगर सूचना विभाग भी तो तभी व्यवस्था करेगा जब किसी हुक्मरान का हुक्म होगा। भला वह क्यों पड़ी लकड़ी उठाए। चलिए, ये भी व्यवस्था नहीं हुई। कम से कम किसी एक अफसर को अपडेट देने के लिए नामित कर दिया होता, मगर वह भी नहीं किया। इसका मतलब साफ है कि प्लानिग में ही कहीं कोई कमी रह गई। दावा किया गया कि शाम तक परिणाम मिल जाएंगे, मगर ऐसा नहीं हो सका। हाथरस ब्लॉक के 71 प्रधानों के परिणामों में से महज 19 के परिणाम मीडिया अपने प्रयासों से जुटा सकी। अरे, यहां कोई रोकने वाला नहीं

सुबह सात बजे से पहले ही ड्यूटी पर आया फोर्स दोपहर होने तक सुस्ताने लगा। ऐसा भी क्या सुस्ताना कि बिना पास वाले भी मुख्य गेट से एंट्री पा जाएं। वैसे हाथरस के मतगणना केंद्र पर बड़ी तादाद में फोर्स था। गेट पर भी पुलिस वाले मौजूद थे, मगर दोपहर तक कोई रोकने-टोकने वाला नहीं दिखा। ऐसे में कई प्रत्याशियों के समर्थक भी आसानी से प्रवेश कर गए। साफ न सफाई, नाराजगी जताई

यूं तो जिले में सातों ब्लाक क्षेत्रों में मतगणना केंद्र बनाए गए थे मगर इनमें मुरसान मतगणना केंद्र पर ड्यूटी कर रहे कई कर्मचारियों ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि यहां न तो साफ-सुथरे टॉयलेट की व्यवस्था है और न शुद्ध पानी का इंतजाम। जो सरकारी पानी पिलाया जा रहा था उसमें प्लास्टिक गिलासों का प्रयोग किया जा रहा था जबकि यह प्रतिबंधित है। सूरज को रोशनी दिखा

रही थीं विद्युत लाइटें

लापरवाही यहीं खत्म होती बल्कि हाथरस के मतगणना केंद्र पर रात के लिए की गई बिजली की व्यवस्था भी अजब-गजब थी। जो लाइटें रात में जलनी चाहिए वह दिन में भी जला दी गईं।

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