जिला पंचायत सदस्य चुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

रामवीर व मुकुल की नाक का सवाल वार्ड 14 की सीट विनोद उपाध्याय और उनकी पत्नी के सामने भी कड़ी चुनौती सपा के जिलाध्यक्ष जसवंत सिंह की पत्नी ओमवती भी मैदान में।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 02:10 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 02:10 AM (IST)
जिला पंचायत सदस्य चुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
जिला पंचायत सदस्य चुनाव में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

जासं, हाथरस : पंचायत चुनाव में जिला पंचायत के वार्ड 14 की हॉट सीट के साथ-साथ अन्य वार्डों पर भी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। रामवीर उपाध्याय-मुकुल उपाध्याय ही नहीं व उनके भाई विनोद उपाध्याय, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव के लिए भी यह चुनाव नाक का सवाल बना हुआ है। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले होने वाला यह चुनाव इन दिग्गजों के भविष्य से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

वार्ड 14 में जिला पंचायत सदस्य पद के लिए पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय निर्दलीय तो रामवीर के छोटे भाई मुकुल उपाध्याय की पत्नी ऋतु उपाध्याय भाजपा के समर्थन से मैदान में हैं। इसी वार्ड में भाजपा से बगावत करने वाले डॉ. अविन शर्मा की पत्नी क्षमा शर्मा भी भाग्य आजमा रही हैं। बसपा ने भी बबलू चौधरी को मैदान में उतारकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। यह सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है।

वार्ड 16 से रामवीर के भाई पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय व वार्ड 20 से विनोद उपाध्याय की पत्नी सरोज उपाध्याय चुनाव लड़ रही हैं। विनोद के सामने भाजपा के डॉ. तरुण कुमार शर्मा, रालोद के प्रदीप चौधरी गुड्डू समेत अन्य प्रत्याशी हैं। यहां भी कांटे का मुकाबला है। वार्ड नंबर 20 से विनोद की पत्नी सरोज उपाध्याय के सामने सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मनोज यादव की पत्नी मीनू यादव और भाजपा नेता संजय सिंह की पत्नी स्वाति सिंह, निर्दलीय बौबी यादव व अन्य दावेदार हैं। मुकबला यहां भी दिलचस्प है। एमएलसी जसवंत सिंह की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव ने वार्ड 3 और 4 से नामांकन किया है। वार्ड 3 में भाजपा के लक्ष्मण सिंह राजपूत, निर्दलीय सोनू चौहान समेत अन्य दिग्गज उतरे हैं। वहीं वार्ड चार में भाजपा की राधा परमार और अन्य दावेदारों ने ताल ठोकी है। इन दोनों वार्डों में भी मुकाबला रोचक है। सपा ने महानदल और रालोद के लिए छह सीटें छोड़कर भविष्य में जिला पंचायत की कुर्सी के लिए गणित बैठाया है। पूर्व विधायक गेंदालाल चौधरी ने भी अपने बेटे पंकज चौधरी को मैदान में है। परिवारवाद की राजनीति का दबदबा

पंचायत चुनाव में परिवारवाद की राजनीति का दबदबा साफ दिखाई दे रहा है। दिग्गजों ने अपने परिवार की महिलाओं और पुत्र व बहुओं को भी मैदान में उतारा है। इससे उनकी प्रतिष्ठा जु़ड़ी हुई है। भविष्य में जो फैसला होगा उससे उनका राजनीतिक कद तय होगा।

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