दो साल से अधर में वानरशाला का प्लान

अब महायोजना पास होने के बाद वानरशाला बनाने की बात कर रहे चेयरमैन।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Aug 2021 01:08 AM (IST) Updated:Sat, 14 Aug 2021 01:08 AM (IST)
दो साल से अधर में वानरशाला का प्लान
दो साल से अधर में वानरशाला का प्लान

संवाद सहयोगी, हाथरस : शहर से लेकर गांवों तक बंदर बड़ी समस्या बने हुए हैं। कभी घर में तो कभी बाहर हमला कर लोगों को घायल कर देते हैं। इनके हमले से कई लोग जान गवां चुके हैं। बंदरों से मुक्ति के लिए वानरशाला बनाने का प्लान नगर पालिका में दो साल से लटका हुआ है।

बंदरों से मुक्ति के लिए हर बार बड़ी-बड़ी बातें नगर पालिका प्रशासन द्वारा कही जाती हैं, मगर उनपर अमल नहीं होता। नगर पालिका प्रशासन ने दो साल पहले बंदरों से निजात दिलाने के लिए वानरशाला बनाने का प्रोजक्ट पास किया था। करीब 15 लाख रुपये की लागत से यह वानरशाला सीवेज फार्म पर प्रस्तावित गोशाला में बननी थी। तत्कालीन ईओ ने बताया था कि इसमें बंदरों के खान-पान से लेकर उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पशु चिकित्सक व केयर टेकर रखे जाने हैं। इसमें जिले के अन्य क्षेत्रों से निर्धारित शुल्क पर बंदर रखने का भी व्यवस्था की गई थी। इसके बनने से लोगों को पांच हजार बंदरों से छुटकारा मिल जाता। पालिका में दो साल से यह प्लान भी लटका हुआ है। जान गवां चुके हैं कई लोग

बंदरों के चलते घर की छत पर जाने से भी लोग डरते हैं। विरोध करने पर खूंखार बंदर हमलावर होकर घायल कर देते हैं। बंदरों के काटने पर रेबीज का टीका लगवाने के लिए आए दिन लोग जिला अस्पताल पहुंचते हैं। कई लोग बंदरों के हमले से जान भी गवां चुके हैं।

इनका कहना है

बंदर खूंखार हो चुके हैं। वह कब हमला बोल दें, कुछ नहीं कहा जा सकता। घरों में रखे सामान को उठा ले जाते हैं।

-सुमित गौतम पेयजल की आपूर्ति के लिए छतों पर बने पानी के टैंक के कवर तोड़ डालते हैं। छत पर पड़े कपड़े व अन्य सामान उठा ले जाते हैं।

अनिल कुशवाहा बंदर घरों से पढ़ते समय किताबें उठा ले जाते हैं। मोबाइल व कंप्यूटर को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इन्हें भगाने पर यह हमला कर देते हैं।

अनिष्का, छात्रा बंदर लोगों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं। इनसे मुक्ति दिलाने को पालिका प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।

प्रदीप गुप्ता, शिक्षक वर्जन -

शहर से बंदरों को दूर करने के लिए पालिका की ओर से कई बार योजना बनाई गई। बंदर पकड़ने वाले ठेकेदार बुलाकर उनसे प्रस्ताव भी लिए गए। इसके लिए अपने जिले और जिस जिले में इन्हें छोड़ना होता है वहां के वन विभाग से एनओसी ली जाती है। यही एनओसी अभी तक नहीं मिली है। इसके मिलते ही बंदरों को पकड़वाकर दूर भिजवा दिया जाएगा। पालिका में शहर में वानरशाला बनाने के प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। इसे महायोजना में शामिल किया गया है। इसके पास होते ही वानरशाला का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।

-आशीष शर्मा, चेयरमैन, नगर पालिका परिषद हाथरस।

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