तालाब चौराहे के रेलवे फाटक को स्थाई रूप से बंद करने पर हंगामा
रेलवे पुल बनने के बाद बंद कर दिया है तालाब फाटक फाटक से गेटमैन को स्थाई रूप से हटाया होगी बचत।
जासं, हाथरस : तालाब चौराहे पर ओवरब्रिज चालू होने के बाद फाटक के स्थाई रूप से बंद रखने के साथ लोहे की रेलिग लगाने का श्रीनगर मोहल्ला और आसपास गलियों के लोगों ने विरोध करते हुए हंगामा किया। सूचना पर आरपीएफ फोर्स आ गया और लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया।
बता दें कि तालाब चौराहे पर लोगों को सहूलियत प्रदान करने के लिए फाटक के पर ओवर ब्रिज का निर्माण कराया गया है, जिसकी लागत 26 करोड़ रुपये है। पुल तो तैयार हो गया है, मगर उद्घाटन अभी तक नहीं हो सका। मगर पुल के ऊपर होकर वाहन दौड़ने लगे हैं। ओवरब्रिज बन जाने के बाद तालाब फाटक को स्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इस कारण पास में श्रीनगर मोहल्ले के लोगों को दिक्कत शुरू हो गई है। बुधवार को तमाम लोग पार्षद सुरेश कुमार के साथ आ गए और हंगामा शुरू करते हुए फाटक के दोनों ओर से लोहे की रेलिग लगाने का विरोध करना शुरू कर दिया। सूचना पर आरपीएफ के दो सिपाही आ गए और लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया। फाटक से गेटमैन को स्थाई रूप से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया है। इससे रेलवे को हर महीने लाखों रुपये की बचत होगी। बैठक में पालिका के अफसरों के न आने पर जताई नाराजगी
जासं, हाथरस : राज्य निगरानी समिति की सदस्य कविता वाल्मीकि ने बुधवार को हाथरस में आगरा रोड स्थित मीतई गेस्ट हाउस में कई विभागों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी नगर निकायों के ईओ को भी बुलाया गया था मगर दोनों नगर पालिकाओं के अधिकारी नहीं आए। इसपर नाराजगी जाहिर की।
कविता वाल्मीकि ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वच्छकारों को सरकारी योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिलना चाहिए। हाथ से मैला उठाने वाले स्वच्छकारों के पुनर्वास से संबंधित जानकारी भी ली। नगर पालिका सफाई कर्मचारी यूनियन के नेताओं से भी बातचीत की और उनके समस्याएं पूछीं।
समीक्षा बैठक में जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार, लीड बैंक अधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ स्वच्छकारों तक पहुंचे, इसके प्रयास अधिकारियों को करनी चाहिए। बैठक से पूर्व सफाई कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष दिलीप कुमार डब्बू और उनके साथियों ने सदस्य का पटका पहनाकर और गुलदस्ता देकर स्वागत किया।