तीन का वेतन रोका, नौ से मांगा स्पष्टीकरण
जनपद में एक दर्जन गांवों में निरीक्षण को पहुंचे डीपीआरओ को नहीं मिले सफाईकर्मी गिरी गाज कार्रवाई के बावजूद कम नहीं हो रही सफाई कर्मियों की मनमानी चेतावनी पत्र देकर साफ किया है कि कार्य में लापरवाही नहीं चलेगी
जासं, हाथरस : वेतन करीब 30,000 रुपये महीना और काम कुछ नहीं। जनपद के अधिकांश सफाई कर्मचारियों ने कुछ ऐसा ही ढर्रा बना रखा है। कर्मचारियों में डीपीआरओ की कार्रवाई का भय भी शायद कम हो रहा है। यही कारण है कि गांव में सफाई कर्मचारी नहीं पहुंच रहे हैं और गांव में मोदी के स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। सोमवार को डीपीआरओ जनपद के आधा दर्जन गांवों व मजरों में पहुंचे। भनक लगते ही सफाई कर्मचारी तो पहुंच गए लेकिन गांव में खरंजा व नालियां गंदगी से चोक मिलीं। ग्रामीणों से जानकारी की तो सफाई कर्मचारियों की गांव में उपस्थिति की भी पोल खुल गई। ग्रामीणों ने बताया कि सफाई कर्मचारी गांव में सफाई को पहुंचते ही नहीं हैं। जिससे गांव में गंदगी है और नालियां चोक हैं।
डीपीआरओ ने गांव में सफाई कार्य ठीक से न करने वाले ब्लॉक मुरसान के गांव गोजिया में तैनात सफाई कर्मचारी मुस्तकीम, इसी ग्राम पंचायत के मजरा तिकइया, कलयुग में तैनात इकबाल व दूसरे मजरा जुगरिया में तैनात यूसुफ अली का वेतन रोकने की कार्रवाई की। डीपीआरओ ने तीनों को कारण बताओ नोटिस दिया है।
इसके साथ बाररूम सहपऊ के गांव खोड़ा में तैनात बॉबी कुमार, सिकंदराराऊ के नौरथाईशेपुर में तैनात भूरी ¨सह, हाथरस के जलालपुर में तैनात राकेश कुमार, हसायन के पोरा में तैनात पप्पू, मुरसान के कपूरा में तैनात रहीसपाल व इसी ब्लॉक के मीतई में तैनात सतीश कुमार के सफाई में लापरवाही बरतने पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। वर्जन -
जब तक सफाई कर्मचारियों के कार्य में सुधार नहीं होगा तब तक इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। सफाई कर्मचारी अपने तैनाती स्थल पर पहुंचकर सफाई कार्य करें। सफाई कर्मचारी गांव में सफाई कार्य से नहीं बच सकेंगे, इसलिए वह किसी भी तरह की गलतफहमी में न रहें।
-बनवारी ¨सह, डीपीआरओ, हाथरस