योग में है दम, असाध्य रोगों से मुक्त हुए हम

-हाथरस के कंचन नगर निवासी राजकुमार वाष्र्णेय रंग वालों को बचपन से सोरायसिस व नजला की बीमारी थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 01:00 AM (IST)
योग में है दम, असाध्य रोगों से मुक्त हुए हम
योग में है दम, असाध्य रोगों से मुक्त हुए हम

जासं, हाथरस : सोमवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग को लेकर बुजुर्ग ही नहीं युवाओं में भी जबरदस्त जागरूकता आई है। खासकर कोरोनाकाल में लोगों ने इम्युनिटी बढ़ाने के लिए इसका भरपूर इस्तेमाल किया। घरों पर रहकर खूब समय मिला तो पूरे परिवार के साथ योगासन कर शरीर को स्वस्थ बनाए रखा। शहर में ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने असाध्य रोगों पर भी योग के बल पर विजय पाई है और आज स्वस्थ होने के बाद 'योग बनाए निरोग' के नारे को साकार कर दूसरों को प्रेरणा दे रहे हैं। सोरायसिस व नजला को दूर भगाया

हाथरस के कंचन नगर निवासी 56 वर्षीय राजकुमार वाष्र्णेय 'रंग वालों' को बचपन से सोरायसिस व नजला की बीमारी थी। सोरायसिस एक तरह की त्वचा की बीमारी है। इन बीमारियों को दूर करने के लिए उन्होंने कई पैथियों का सहारा लिया। स्थिति यहां तक आ गई कि जो कोई बता देता, उसी के पास जाकर इलाज शुरू कर देते। दिल्ली और आगरा में भी इलाज कराने गए मगर कोई लाभ नहीं मिला। दस साल पहले उन्हें सलाह दी गई कि योग से असाध्य रोग भी सही हो जाते हैं। उनकी बात मानते हुए योग शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि वे रोजाना त्रिकोणासन, मंडूक आसन, ताड़ासन व प्राणायाम के साथ अन्य आसनों को करना शुरू कर दिया। उन्होंने प्राणायाम सात तरीके से किया। उसका नतीजा यह निकला कि अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। अब वे अपनी जिदगी सामान्य लोगों की तरह जी रहे हैं। पहले हाथ-पैर काम नहीं करते

थे, अब वजन भी उठाता हूं

हाथरस के नवीपुर कला में शिव कालोनी निवासी 46 वर्षीय ऋषि कुमार को स्लिप डिस्क (डिस्क डिस्लोकेट) की बीमारी थी। उनके हाथ व पैर ठीक ढंग से काम नहीं करते थे। शरीर में सुन्नपन आ गया था। स्थिति यहां तक आ गई कि हाथ से कोई वस्तु नहीं उठाई जाती थी। इलाज के लिए आगरा गए। न्यूरोसर्जन व हड्डी रोग विशेषज्ञों को दिखाया। जब कुछ फायदा नहीं हुआ तो मुझे योग करने की सलाह दी गई। योग गुरु के कहने पर उन्होंने मरकटासन, शलभासन, भुजंगासन व अन्य आसन शुरू कर दिए। उसका नतीजा यह हुआ कि बीमारी पर पूरी तरह काबू पा लिया है। अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। हाथों से वजन ही नहीं उठाते हैं, बल्कि पॉलीटेक्टिक कॉलेज के मैदान पर दौड़ भी लगाते हैं। उनका कहना है कि जीवन में योग बहुत जरूरी है। इसके लिए कोई उम्र नहीं होती है। योग करते रहेंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे।

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