तो यूपी-100 का इंतजार ही करते रह जाओगे

11 लाख रुपये बकाया होने पर अलीगढ़ व हाथरस की सर्विस कंपनियों ने खड़े कर दिए हाथ विडंबना जिले में करीब एक साल से नहीं किया गया सर्विस सेंटरों का भुगतान ध्यान न दिया गया तो डायल-100 पर भरोसा करना पड़ सकता है भारी प्वाइंटर- यूपी-100 सेवा के वाहन 15 बोलरो कार 6 इनोवा कार 14 पल्सर बाइकें

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 01:57 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 06:01 AM (IST)
तो यूपी-100 का इंतजार ही करते रह जाओगे
तो यूपी-100 का इंतजार ही करते रह जाओगे

हिमांशु गुप्ता, हाथरस : पुलिस की आपात सेवा के लिए तत्पर यूपी-100 अब बीमार हो रही है। इनकी गाड़ियों का दम फूल रहा है। कई गाड़ियों को सर्विस की दरकार है मगर 11 लाख रुपये बकाया होने के कारण सर्विस कंपनियों ने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। बार-बार रिमाइंडर भेजे जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है।

जिले में कुल 35 वाहन यूपी-100 सेवा में लगे हैं। इनमें 15 कारें बोलेरो, 6 इनोवा, 14 बाइकें सम्मिलित हैं। 20 कारें फील्ड में रहती हैं और एक रिजर्व में। इसी तरह कुल 14 बाइकों में दो को रिजर्व में रखी जाती है। यह गाडि़यां 24 घंटे फील्ड में रहती हैं। आपातकाल में 100 नंबर डायल करने पर कॉल सीधे लखनऊ कंट्रोल रूम पर जाता है। वहां से संबंधित पीआरवी को मैसेज कर मौके पर भेजा जाता है। यह सेवा काफी प्रभावी भी है और लोगों को तत्काल सहायता भी पहुंचती है, लेकिन ज्यादातर गाड़ियां बिना सर्विस के दौड़ रही हैं। हाथरस और अलीगढ़ में

होती है गाड़ियों की सर्विस

बाइकों की सर्विस हाथरस के एक डीलर के यहां होती है। वहीं बोलेरो और इनोवा कारों की सर्विस अलीगढ़ के सर्विस सेंटरों पर की जाती है। करीब 11 महीने से इन कंपनियां का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर हाथरस के डीलर ने बाइकों की सर्विस से साफ इन्कार कर दिया है। वहीं अलीगढ़ के डीलरों ने भी बकाया जमा करने की चेतावनी देते हुए सर्विस से हाथ खड़े कर दिए हैं। 3000 हजार किमी प्रतिमाह की रनिग

यूपी-100 की गाड़ियां प्रतिदिन 24 घंटे फील्ड में रहती हैं। सुनसान इलाकों में देर रात भी इन गाड़ियों की लाइटें चमकती दिख जाती हैं। पुलिस मेंटीनेंस विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रतिमाह एक गाड़ी औसतन तीन हजार किमी चलती हैं। 10 हजार किलोमीटर पर इनकी सर्विस कराना जरूरी होता है। औसतन 12 मिनट में पहुंच जाती है गाड़ी

यूपी-100 सेवा काफी जन उपयोगी साबित हुई है। इससे क्राइम पर भी कंट्रोल हुआ है। क्विक रेस्पांस के कारण लोग इस पर भरोसा करते हैं। यही नतीजा है कि आपातकाल में हर व्यक्ति को 100 नंबर ही याद आता है। डायल करते ही यह कॉल सीधे लखनऊ पहुंचती है। वहां से एक कॉल संबंधित पीआरवी और दूसरी कंट्रोल रूम को पहुंचती है। रिपोर्ट के अनुसार हाथरस जनपद के देहात क्षेत्रों में यह गाड़ी पीड़ित के फोन करने के औसतन 10 से 12 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच जाती है। वहीं शहरी क्षेत्रों में इनके पहुंचने का औसत टाइम 7 से 8 मिनट है। इनका कहना है

सर्विस कंपनियों का करीब एक वर्ष का भुगतान लंबित होने की जानकारी मिली है। इसलिए यूपी-100 की कारों की सर्विस में दिक्कत आ रही है। इसके लिए शासन को एक बार फिर पत्र भेजकर जल्द भुगतान कराने के प्रयास किए जाएंगे।

-सिद्धार्थ वर्मा, एएसपी

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