सन्नाटे के साये में दिन-रात डूबा रहा शहर

35 घंटे के कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान गली-मोहल्लों तक में नहीं थी चहल-पहल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोलने की दी गई इजाजत दूध सब्जी दवाएं बिकीं सोमवार सुबह सात बजे क‌र्फ्यू तो खत्म हो जाएगा मगर बरतनी होगी एहतियात

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 01:05 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 01:05 AM (IST)
सन्नाटे के साये में दिन-रात डूबा रहा शहर
सन्नाटे के साये में दिन-रात डूबा रहा शहर

जागरण संवाददाता, हाथरस : यूं तो रविवार छुट्टी का दिन था मगर 35 घंटे के कोरोना क‌र्फ्यू के चलते सड़कें सूनी और सन्नाटे में डूबे रहे गली-मोहल्ले। शनिवार को रात आठ बजे से ही बाजारों के शटर गिर गए थे। रातभर सड़कों पर कुछ था तो सिर्फ पुलिस की गाड़ियों का गश्त। यही आलम रविवार को दिनभर और रात में रहा। हालांकि 35 घंटे का घोषित कोरोना क‌र्फ्यू सोमवार की सुबह 7 बजे खत्म हो जाएगा, मगर इसका ये कतई मतलब नहीं कि आप बेवजह बाजारों में बिना काम घूमते नजर आएं। यह संकेत मात्र है, अब लापरवाही बरती और कोरोना के केस बढ़े तो संपूर्ण लाकडाउन की पीड़ा दुबारा झेलनी पड़ सकती है। अब जब भी बाजार आएं तो मास्क लगाकर। सोमवार की सुबह सात बजे बाजार खुलने पर दुकानदारों को भी प्रशासन की सख्त हिदायत है, जिसका हर हाल में पालन करना ही होगा। अलीगढ़-आगरा हाईवे सुबह नौ बजे

अलीगढ़-आगरा हाईवे पर रविवार सुबह वाहन तो चल रहे थे मगर अन्य दिनों मुकाबले आधे से भी कम। रोडवेज बसें तो गिनी-चुनी नजर आ रही थीं। हाथरस बाजार को आने वाला रुहेरी कट सुनसान था। यहां रोजाना मुसाफिरों का इंतजार करते टेंपो भी गायब थे। सवारियां भी नहीं थीं। हाईवे पर होटल-ढाबे भी बंद थे। रुहेरी कट से तालाब की तरफ जाने वाले मार्ग पर पूरी तरह सन्नाटा था। न तो बागला रोड पर जाम का झंझट और न कहीं भीड़भाड़ जैसी स्थिति।

तालाब चौराहा-दोपहर 11 बजे

तालाब चौराहा हाथरस शहर का मुख्य चौराहा कहा जाता है। यहां से होकर मथुरा-बरेली मार्ग है। यहां 11 बजे न तो तालाब फाटक से होकर निकलने की जल्दबाजी और न वाहनों की ज्यादा आवाजाही। पुलिस की एक गाड़ी से उतरकर पुलिस दुपहिया और चारपहिया वाहनों की चेकिग कर रही थी। इस बीच एसपी की गाड़ी निकली तो पुलिस वाले अलर्ट हो गए। दरअसल, एसपी शहर के विभिन्न बाजारों का जायजा लेकर मुरसान रोड की तरफ जा रहे थे। उनकी गाड़ियों को देखकर चौराहे पर खड़े पुलिस वाले अलर्ट हो गए।

घंटाघर चौराहा-दोपहर 11.15 बजे

आम दिनों में भीड़भाड़ वाला घंटाघर चौराहा कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान सुनसान नजर आया। यही कमोवेश स्थित मुरसानगेट की थी, जहां रोजाना भीड़भाड़ रहती है मगर दुकान के बाहर बैठे कुछ लोग मोबाइल पर वक्त बिताते दिखे। पुलिस की गाड़ियों का हूटर बजता तो वह वहां से भाग छूटते घरों के लिए। मुरसान रोड वाहनों की आवाजाही जरूर देखी गई। मगर सभी दुकानें बंद थीं।

सासनीगेट चौराहा 11.25 बजे

रविवार को सासनीगेट चौराहे से चहल-पहल लगभग गायब थी। हां, रोजाना की तरफ ट्रैफिक के जवान जरूर मुस्तैद नजर आए। आसपास दूध बेचते हुए दुकानदार आपस में बतिया रहे थे। कुछ ही देर में बागला फाटक से होकर एसपी का काफिला मीडिया को देखकर रुक गया। एसपी मीडिया बंधुओं से बोले, अपना भी ख्याल रखिए। ये कहते हुए उन्होंने कुछ मीडियाकर्मियों को सैनिटाइजर की शीशी बांटी और आगे निकल गए।

सूनी सड़कें और कैद लोग

कोरोना क‌र्फ्यू के दौरान हाथरस के सभी बाजारों में सन्नाटा पसरा था। लगभग सभी प्रमुख चौराहे सन्नाटे में डूबे हुए थे। सूनी सड़कों से गुजरते इक्का-दुक्का लोगों को पुलिस घर जाने की हिदायत दे रही थी। कुछ इसी तरह का नजारा सर्राफा बाजार में भी दिखा। दोपहर एक बजे सड़क से निकलते लोगों को चेक किया और फिर हिदायत देने के बाद जाने दिया गया। इसी तरह से जामा मस्जिद चौराहा और क्रांति चौक पर भी सन्नाटा था। चामड़गेट और सादाबाद गेट पर भी जरूरी इक्का-दुक्का दुकानें खुलीं। अधिकांश लोग घरों में कैद रहे।

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