टीका है सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं

कोरोना का साया अब बहुत जल्द ही खत्म होने की कगार पर है। टीकाकरण से कोई नुकसान नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Feb 2021 11:56 PM (IST) Updated:Sat, 06 Feb 2021 11:56 PM (IST)
टीका है सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं
टीका है सुरक्षित, घबराने की जरूरत नहीं

संवाद सहयोगी, हाथरस: कोरोना का साया अब बहुत जल्द ही खत्म होने की कगार पर है। कोरोना वैक्सीन की डोज के जरिए स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि कोरोना का टीका काफी सुरक्षित है। अन्य टीकों की तरह बीमारियों पर नियंत्रण पाया गया। टीकाकरण के जरिए ही कोरोना पर नियंत्रण पाया जाएगा।

कोविड टीका से नहीं कोई नुकसान

स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह टीका पूर्णत: सुरक्षित है। टीका कर्मियों द्वारा सभी लाभार्थियों को वैक्सीन लगाने के उपरांत उसके संबंध में काउंसिलिग की जा रही है कि यह टीका कोविशील्ड है। टीका लगाने के बाद बुखार आना व सूजन होना सामान्य बात है, जोकि 24 घंटे के अंदर ही सही हो जाता है। करीब तीन हजार से अधिक लोगों को कोविड का टीका लग चुका है। टीकाकरण कराने के बाद लोगों में आत्मविश्वास पैदा होता है।

टीका लगवाने से मिला विश्वास

हमारा देश वायरस से वैक्सीन की तरफ आ गया है। जब भारत में कोविड-19 महामारी फैली तो पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा था कि इतनी घनी आबादी वाला भारत इससे कैसे निपटेगा। स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्करों ने आगे बढ़कर कोरोना से लड़ाई लड़ी और भारत इस समय कोविड-19 की लड़ाई में अन्य देशों के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है। मैं शुरू से ही कोविड-19 टीकाकरण को लेकर बहुत उत्साहित था। बहुत ही खुश हूं कि मुझे कोविशील्ड की वैक्सीन प्राप्त हुई है। स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगने से जनता में एक बेहतरीन संदेश गया है और जनता अब बिना भय के अस्पतालों में उपचार करा सकेगी।

मोहम्मद आमिर, जिला डाटा प्रबंधक।

कब लगा टीका, नहीं हुआ महसूस

कोविड का टीका काफी प्रभावी तथा सुरक्षित है। इस टीके के कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हैं। जब मैंने टीकाकरण कराया तो महसूस ही नहीं हुआ कि टीका लगा है। दो डोज लग जाने के बाद कोरोना संक्रमण शरीर के अंदर कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाएगा। जिले में करीब तीन हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है। उन्होंने सभी से अपील की कि टीके से किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। कोरोना से लड़ाई में यह बहुत जरूरी है।

डॉ. विजेंद्र सिंह, प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ।

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