कारोबार पर कोरोना काल की छाया

नवरात्र ईद और आगामी सहालग से काफी उम्मीदें थीं व्यापारियों को सभी समारोहों को सीमित करने से खाद्य व वस्तुओं की खपत होगी कम।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:14 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:14 AM (IST)
कारोबार पर कोरोना काल की छाया
कारोबार पर कोरोना काल की छाया

जासं, हाथरस : कोरोना की दूसरी लहर का असर कारोबार पर भी पड़ता नजर आ रहा है। फुटकर से लेकर फैक्टरी तक की चेन प्रभावित होती नजर आ रही है। दूसरे प्रांतों के अलावा आसपास के शहरों से भी मांग कमजोर पड़ती जा रही है। नवरात्र, ईद, सहालग का सीजन इस बार भी पिटता नजर आ रहा है, क्योंकि नए ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। रोजमर्रा की खाद्य वस्तुओं को छोड़कर पुराने स्टॉक से काम चल रहा है।

पिछले साल कोरोना की लहर मार्च के आखीर में शुरू हुई थी। लंबे समय तक चले लॉकडाउन के बाद व्यापार दीपावली और सहालग के सीजन में कुछ संभला था। नए साल से व्यापार बढ़ने की उम्मीद थी। मार्च तक कुछ ठीक चला लेकिन अप्रैल में हालात बिगड़ते चले गए। 13 अप्रैल से नवरात्र और रमजान चल रहे हैं। सहालग का सीजन 22 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस बीच इक्का-दुक्का शादियां भी शुरू हो गई हैं। इस बीच साप्ताहिक कोरोना क‌र्फ्यू भी लागू हो गया है। महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश व यूपी के कई हिस्सों में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से चल रही है। इसका असर उद्योगों पर दिख रहा है। हर सीजन में करोड़ों के

माल की होती है खपत

यहां से रेडीमेड गारमेंट्स, घी, तेल, मसाले, नमकीन, चुर्री, हींग, दाल, अचार-मुरब्बा, बर्तन, मेटल और चप्पल निर्माण आदि की ट्रेडिग मिलाकर करोड़ों रुपये का माल बाहर जाता है। सहालग और त्योहारी सीजन में अतिरिक्त मांग रहती है। वैसे देखा जाए तो कोरोना काल का होली के रंग कारोबार पर असर दिखने लगा था। बोले व्यापारी

त्योहार और सहालग को लेकर काफी माल तैयार किया था। अब हालत यह है कि ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं। इसके कारण कारोबार को लगातार दूसरी बार नुकसान उठाना पड़ रहा है। पता नहीं यह स्थिति कब तक रहेगी।

-पंकज अग्रवाल, रेडीमेड गारमेंट निर्माता त्योहार और सहालग के कारण सामान की मांग कम होती जा रही है। इसका असर कारोबार पर पड़ रहा है। पिछली बार भी कोरोना काल में काफी नुकसान हो चुका है।

अनुभव अग्रवाल, ट्रेडर्स कोरोना काल का असर मसाला कारोबार पर दिखाई दे रहा है। मांग कमजोर होने के कारण पहले जैसी स्थिति पैदा होती जा रही है। पता नहीं यह हालात कब तक रहेंगे।

विशाल अग्रवाल, मसाला निर्माता कोरोना काल की गाइड लाइन लागू होने के कारण आयोजन सीमित हो गए हैं। इसके कारण तेल, रिफाइंड की मांग कम हो रही है। इसका नुकसान कारोबार पर होगा।

कन्हैया वाष्र्णेय, तेल वाले

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