सत्य धर्म के रक्षक अहिसा के पुजारी श्री बापू ही थे

गांधी व शास्त्री जयंती की पूर्व संध्या पर हिदी प्रोत्साहन समिति द्वारा सिकंदराराऊ में किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 12:12 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 12:12 AM (IST)
सत्य धर्म के रक्षक अहिसा के पुजारी श्री बापू ही थे
सत्य धर्म के रक्षक अहिसा के पुजारी श्री बापू ही थे

संसू, हाथरस : गांधी व शास्त्री जयंती की पूर्व संध्या पर हिदी प्रोत्साहन समिति द्वारा सिकंदराराऊ में बाल भारत शिक्षा केंद्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ डा. सच्चिदानंद, जीवन भारती के अध्यक्ष कृष्ण कुमार वाष्र्णेय, सम्मेलन के अध्यक्ष युवराज सिंह एडवोकेट, मुख्य अतिथि राज आयुर्वेद कचौरा के प्रबंध निदेशक देवेंदर राघव व जिला पंचायत सदस्य सोनू चौहान, प्रवक्ता डा. अरविद चौधरी व प्राचार्य डा. अरविद कुमार शर्मा द्वारा किया गया।

सर्व प्रथम उन्नति भारद्वाज ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। सोरों के कवि मनोज मधुबन की गांधी वंदना से आरंभ हुआ।

कवि निर्मल सक्सेना ने खूब हंसाया और पढ़ा - मैं तुम्हें प्रीत करूं तुम भी मुझे प्रीत करो । दिल की संसद में सनम मुझको मनोनीत करो । एटा की कवयित्री अलका सिंह अद्भुत ने पढ़ा- लहू का एक कतरा भी है जब तक शेष इस तन में , वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना। मधुर गीतकार मनोज मधुबन के गीतों पर श्रोता झूम उठे।

उन्नति भारद्वाज ने पढ़ा -असहयोग आंदोलन हो या अंग्रेजों भारत छोड़ो, सत्य धर्म के रक्षक अहिसा के पुजारी श्री बापू ही थे राजेश चंद्र जैन ने गुनगुनाया- चिलचिलाती धूप और ऊपर कोई साया नहीं, बस परिदों की रही सिर पर मेरे परछाइयां। खूब सराहा गया।

यश भारती से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय गीतकार डा. विष्णु सक्सेना ने श्रोताओं की मांग पर पढ़ा - कुछ शहद घोल दो, प्यार से बोल दो, खिड़कियां खोल दो रोशनी के लिए । जीत भी हार भी फूल भी खार भी ,चाहिए प्यार भी जिदगी के लिए। कवि प्रमोद विषधर, डा. सतेंदर भारद्वाज आभाष, प्रेम सिंह यादव प्रेम, डा. दत्तात्रेय द्विवेदी, छात्रा देवांशी तोमर ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। प्रसिद्ध व्यंग्यकार देवेन्द्र दीक्षित शूल के हास्य व्यंग्य का आनंद भी श्रोताओं ने भरपूर लिया। डा. सच्चिदानंद ने कहा कि गांधी दर्शन आज भी पूरे विश्व के कल्याण को आवश्यक है। इस अवसर पर डा. प्रदीप गर्ग, गौरी शंकर गुप्ता नोटरी, नरेश प्रताप सिंह एडवोकेट, मुन्नालाल दीक्षित, सेक्रेटरी सिंह यादव, रामनिवास वाष्र्णेय, ऊषा महेश्वरी , रमा माहेश्वरी , चितन त्रिवेदी , नीलम माहेश्वरी, सतीश चंद्र गुप्ता, राजेश बघेल एडवोकेट, रूपेन्द्र उपाध्याय व गोविद थे।

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