कोरोना काल में जमाखोरों ने बढ़ा दी महंगाई
दाल चीनी मसाले तेल सबकुछ महंगा मिल रहा जमाखोरी-कालाबाजारी पर अफसर नहीं दे रहे ध्यान।
जासं, हाथरस : मुनाफाखोर और कालाबाजारी करने वालों ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदल दिया है। लोगों को दाल-आटा का भाव पता चल गया है। पिछले 15 दिन के भीतर तेल, चीनी, दाल और अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं। फुटकर दुकानदार माल की कम आवक और ऊपर से ही रेट महंगे होने की बात बता रहे हैं, जबकि जरूरी चीजों की आवक पर कहीं कोई रोक नहीं है। जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। यही हाल रहा तो सरसों का तेज जल्द ही डबल सेंचुरी लगा लेगा।
गृहणियां परेशान :
कोरोना संक्रमण काल में घर का बजट बनाने में महिलाओं को पसीने छूटने लगे हैं। हर जरूरी चीज रोज महंगा हो रहा है। चीनी, तेल, दाल, रिफाइंड सभी चीजों के दाम बढ़ गए हैं। खाद्य वस्तुओं के साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए फल और सब्जियां भी काफी महंगी हैं। घर का खर्चा चलाने के लिए अब कटौती करें तो कहां? समझ से परे है।
ऐसे समय में जब लोगों का रोजगार सिमट रहा है, तब महंगाई ने उनके आगे बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी हैं। पिछले पंद्रह दिन के अंदर से तेल के भाव 30 से 40 रुपये प्रति किलो और दालें 20 से 25 रुपये प्रति किलो महंगी हुई हैं। इस तरह बढ़े दाम
खाद्य वस्तुएं, पहले भाव, अब भाव
सरसों का तेल, 130, 170
रिफाइंड 110, 150
चीनी, 36, 40
दालें 90, 120
(भाव रुपये प्रति किलो और 15 दिन के अंतराल के हैं)
थोक भाव भी बढ़ा है
खाद्य वस्तुएं, थोक भाव, फुटकर भाव
सरसों का तेल, 153, 170
चीनी, 36, 40
रिफाइंड, 145, 150
अरहर, 95, 120
मूंग, 90, 120
उड़द, 100, 120
(भाव रुपये प्रति किलो) मुनाफाखोरी और कालाबाजारी तो नहीं
कोरोनो कर्फ्यू के कारण सहालग भी सीमित हो गए हैं। होटल और ढाबे के अलावा ढकेल वाले भी बंद हैं। इस कारण दालों की मांग नहीं है। सिर्फ घरों तक मांग सीमित रह गई है। खपत कम होने के बावजूद भी भाव बढ़ना मुनाफाखोरी और कालाबाजारी की ओर इशारा सकता है।
गृहणियों के बोल
रसोई गैस के दाम पहले ही बढ़ चुके हैं। अब दाल और तेल के दाम ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। कोरोना काल में काम-धंधे वैसे ही कम चल रहे हैं।
अनीता गुप्ता घरों के खर्चे पहले से ही लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में रसोई के सामान भी महंगे होते जा रहे हैं। सरसों के तेल के दाम सबसे अधिक बढे़ है। दाल, चीनी और चाय भी महंगी हो गई है।
अनीता उपाध्याय बोले व्यापारी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं। इसका असर घरेलू बाजारों पर बढ़ रहा है। अधिकतर तेल बाहर से आते हैं। उसके कारण दाम बढ़ रहे हैं।
कन्हैया वाष्र्णेय, व्यापारी नेता थोक बाजार में दालों के दाम नहीं बढ़े हैं। शादियां भी सीमित हो गई हैं। इसके अलावा ढाबा, होटल बंद होने से मांग कमजोर हो गई है।
प्रदीप गोयल, दाल कारोबारी