सैन्य अफसर बताने वाला हाथरस का दूल्हा निकला मजदूर, गले पड़ी पुलिस की 'जयमाला'
पूछताछ में सामने आया हाथरस के युवक का फर्जीवाड़ा खुद का घर तक नहीं।
संवाद सूत्र, हाथरस : कुंदरकी (मुरादाबाद) में बरात आने वाली थी। हर ओर खुशी का माहौल था। स्वजन, रिश्तेदार और आसपास के लोग तैयारियों में लगे थे। रात करीब साढ़े 11 बजे बरात घर पहुंची, दूल्हे के हाव-भाव और उसके साथ आए महज चार-पांच बरातियों को देखकर लोगों का माथा ठनका। खुद को सेना में अधिकारी बताने वाला दूल्हा मजदूर निकला। उसकी पहले भी शादी हो चुकी है। गुस्साए स्वजन ने पुलिस को बुला लिया। बराती तो रफूचक्कर हो गए लेकिन, लोगों ने दूल्हे राजा और उसके भाई को दबोच लिया।
कस्बे के मुख्य बाजार में एक युवती अपनी मां के साथ रहती है। उसके पिता व कोई भाई नहीं है। कुछ माह पूर्व युवती की मां ने एक वैवाहिक पुस्तिका में एक रिश्ता देखा था। युवक संदीप उपाध्याय पुत्र स्व. सतीश चंद्र निवासी वसुंधरा पुरम मथुरा रोड जिला हाथरस का ब्योरा मिला। ब्योरा पढ़कर युवती की मां ने मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। वर पक्ष ने युवक को भारतीय सेना में एसडीओ पद पर तैनात बताया। रिश्ता पक्का होने के बाद शादी की तारीख 22 नवंबर तय हुई। तीन दिन पूर्व लगन थी, जिसमें लड़की पक्ष की ओर से उपहार स्वरूप कार, ढाई लाख की नकदी, आभूषण व कीमती कपड़े दिए गए थे। सोमवार रात को बरात आई तो दूल्हे के व्यवहार और उसके साथ आए बरातियों को देखकर लोगों को शक हुआ। पूछताछ शुरू की तो पूरी पोल खुल गई। पता चला कि दूल्हा मजदूरी करता है और किराए के मकान में रहता है। लोगों ने दूल्हा संदीप व उसके बड़े भाई देवेंद्र को दबोच लिया। मंगलवार सुबह आरोपित दूल्हे व उसके भाई को पुलिस को सौंप दिया गया। देर शाम तक दहेज में दी गई कार वापस कर दी गई थी। अन्य सामान भी दूल्हे के घर से मंगाया जा रहा था। चौकी इंचार्ज रवि कुमार ने बताया कि सामान वापस कराया जा रहा है। तहरीर मिलने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। दो साल पहले हो चुकी है शादी
पूछताछ में संदीप ने बताया कि वह मा के साथ किराए के मकान साकेत कालोनी जिला हाथरस में रहता है। आरोपित के बड़े भाई देवेंद्र उर्फ पिंटू ने बताया कि संदीप ने दो वर्ष पूर्व कानपुर से लड़की भगाकर कोर्ट मैरिज की थी लेकिन, उसकी पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी है। आरोपित पक्ष के लोगों ने शादी के कार्ड तक नहीं छपवाए थे। दूल्हा खुद चलाकर लाया कार
बरात में सिर्फ दो कारें आई थीं, जिसमें एक वही थी जो लड़की पक्ष की ओर से दी गई थी। उसे दूल्हा स्वयं चलाकर लाया था। इसके अलावा एक ड्राइवर, दूल्हे का भाई, पंडित और दो-तीन अन्य लोग थे।