राधा अष्टमी पर गूंजीं 'राधा' की किलकारियां

जनपद में जन्मीं 15 बेटियां किसी ने पहली बेटी तो किसी ने बेटे के बाद दिया बेटी को जन्म।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 01:01 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 01:01 AM (IST)
राधा अष्टमी पर गूंजीं 'राधा' की किलकारियां
राधा अष्टमी पर गूंजीं 'राधा' की किलकारियां

जासं, हाथरस : ब्रज क्षेत्र में राधा अष्टमी का खास महत्व है। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद राधा अष्टमी का त्योहार सर्वाधिक श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जाता है। जिस तरह कृष्ण जन्माष्टमी पर जन्म लेने वाले बालक को कन्हैया के रूप में देखा जाता है तो राधा अष्टमी के दिन जन्म लेने वाली कन्या को राधा के रूप में देखा जाता है। मंगलवार को राधा अष्टमी पर माताओं की गोद में 'राधा' की किलकारी गूंजी तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मंगलवार को जनपद में करीब 15 महिलाओं ने बेटियों को जन्म दिया।

बागला जिला अस्पताल के महिला चिकित्सालय में आदर्श नगर जोगीपुरा की खुशबू ने सुबह 7.23 बजे कन्या को जन्म दिया। बेटे के बाद कन्या के जन्म लेने पर परिवार में खुशी देखने लायक थी। पिता ब्रज मोहन ने बताया कि उनका एक बेटा है। वे दूसरी संतान कन्या के रूप में चाहते थे। राधा रानी की कृपा से अष्टमी के दिन उनके घर में कन्या ने जन्म लिया है। कन्या तो वैसे भी घर की लक्ष्मी होती है।

सासनी के देदामई निवासी एकलव्य के लिए राधा अष्टमी का दिन खास हो गया। उनकी पत्नी अनु शर्मा ने कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह कन्या को जन्म दिया। जैसे ही बेटी के जन्म की जानकारी मिली तो परिवार में खुशियां छा गईं। कन्या के जन्म से दिन भर परिवार में खुशी का माहौल रहा। एकलव्य ने बताया कि आज का दिन उनके लिए सबसे खुशी का दिन है। घर में लक्ष्मी आई है। इसका नाम राधा के मिलते जुलते नाम से ही रखूंगा। इसकी बेटे की तरह परवरिश करूंगा।

राधा अष्टमी के दिन जिला अस्पताल और सीएचसी के अलावा निजी अस्पतालों में भी कन्याओं का जन्म हुआ है। करीब 15 बालिकाओं के जन्म से परिवारों में नई खुशियां आई हैं। लोगों का कहना है कि राधा को राधिका, वृषभानुजा, वृषभानुनंदिनी, कीर्ति-किशोरी, ब्रजरानी के नाम से भी पुकारा जाता है। इन्हीं नामों से बेटियों का नाम रखा जाएगा।

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