1997 का शासनादेश लागू, पालिका वसूलेगी वाहनों से लाइसेंस शुल्क

एआरटीओ को पत्र लिखकर पालिका ने मांगी वाहनों की सूची नगरीय क्षेत्र की सुविधाएं लेने पर देना होगा शुल्क।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 06 Apr 2021 12:47 AM (IST) Updated:Tue, 06 Apr 2021 12:47 AM (IST)
1997 का शासनादेश लागू, पालिका वसूलेगी वाहनों से लाइसेंस शुल्क
1997 का शासनादेश लागू, पालिका वसूलेगी वाहनों से लाइसेंस शुल्क

संवाद सहयोगी, हाथरस : नगर पालिका की ओर से अब वाहनों से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए सभी व्यावसायिक वाहन शामिल होंगे। इसके लिए नगर पालिका ने सभी पंजीकृत वाहनों की सूची परिवहन विभाग से मांगी हैं। उनसे प्रति वर्ष के हिसाब से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा, जबकि टैक्स वसूलने का कार्य परिवहन विभाग का है।

वाहन स्वामियों की जेब पर भार पड़ने जा रहा है। अब नगर पालिका ने भी वाहनों से शुल्क वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें वाहनों से लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा। यह प्रक्रिया शासनादेश के तहत की जा रही है। यह शासनादेश एक अप्रैल से लागू हो गया है। शहरी क्षेत्र में चलने वाले वाहनों से यह लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा।

माना जा रहा है कि ये वाहन नगरीय क्षेत्र पालिका की सड़कों, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था सहित सभी जनसुविधाओं का लाभ लेते हैं। इसलिए इन वाहन मालिकों को इसका शुल्क देना होगा। अधिशासी अधिकारी डा. विवेकानंद गंगवार ने बताया कि यह शासनादेश वर्ष 1997 में बन गया था पर उसे लागू अब किया गया है। इससे पालिका के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। तीन व पांच साल का भी

जमा कर सकते हैं शुल्क

नगर पालिका क्षेत्र में आने वाले वाहनों में ट्रॉली से 150 रुपये, हाथठेला व बैलगाड़ी से 25 रुपये, निजी रिक्शा से 75 रुपये, किराये के रिक्शों से 150 रुपये, तांगे से 50 रुपये, बस से 2500 रुपये, मिनी बस से 1500 रुपये, चार सीटर रिक्शा से 500 रुपये, सात सीटर ऑटो रिक्शा से 720 रुपये, दो सीटर ऑटो रिक्शा से 360 रुपये वार्षिक शुल्क लिया जाएगा। इसे वाहन स्वामी तीन या पांच साल का एक साथ जमा कर सकते हैं।

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