अकेंद्रित सेवा नियमावली को गंभीरता से लें, वरना आंदोलन

नगर पालिका के टाउन हाल में दिलाई पदाधिकारियों को शपथ।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 12:49 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 12:49 AM (IST)
अकेंद्रित सेवा नियमावली को गंभीरता से लें, वरना आंदोलन
अकेंद्रित सेवा नियमावली को गंभीरता से लें, वरना आंदोलन

संस, हाथरस : नगर पालिका के टाउन हाल में आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ से संबद्ध नगर पालिका कर्मचारी संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष व राज्य मंत्री लालमणि कुमार उर्फ लालबाबू मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री काका हाथरसी की 115वीं जयंती व 26वीं पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। वक्ताओं ने काका के साहित्य, संगीत व कला से परिपूर्ण व्यक्तित्व की सराहना की। इसके बाद अध्यक्ष संजय कुमार शर्मा, महामंत्री विजयप्रकाश स्वर्णकार, उपाध्यक्ष सोनिया सिंह, कोषाध्यक्ष जयप्रकाश शर्मा, कनिष्ठ उपाध्यक्ष संजीव कुमार, संयुक्त मंत्री जगदीश शर्मा, उप कोषाध्यक्ष रामेश्वर, सह कोषाध्यक्ष पप्पू, संगठन मंत्री राजन सिंह, प्रचार मंत्री योगेश शर्मा, आडीटर मोहनचंद्र कुबेर व अन्य पदाधिकारियों को पद की शपथ दिलायी। अध्यक्षता करते हुए महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने सोनिया सिंह को महासंघ का जिलाध्यक्ष नियुक्त कर उन्हें मनोनयन पत्र सौंपा। उन्होंने बताया कि जल्द ही महासंघ के प्रयासों से अकेंद्रित सेवा नियमावली बनने जा रही है। शासन ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया तो आंदोलन किया जाएगा। संचालन विद्यासागर विकल ने किया। इसमें महासंघ के राकेश अग्निहोत्री, रमाकांत मिश्रा, विनोद इलाहाबादी के अलावा देवेंद्र कुमार, संदीप भार्गव, डंबर सिंह, सोमप्रकाश, रामबहादुर सिंह, राकेश अग्निहोत्री, यादवनाथ शर्मा, अनिल कुमार, रामशंकर, राजीव कुलश्रेष्ठ, विनीत कुमार आर्य, रवेंद्र कुमार शर्मा, रामकिशन, श्री उमेश चंचल उपस्थित थे। दो दिवसीय भाकपा की बैठक में छाया रहा किसान आंदोलन

संस, हाथरस : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश की राज्य काउंसिल की दो दिवसीय बैठक कामरेड शशिबाला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई। राज्य सचिव डा. गिरीश ने बैठक में देश और प्रदेश के हालातों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में सबसे बड़ा मुद्दा किसान आंदोलन था। उन्होंने बताया कि सरकार विद्युत बिल 2021 को भी रद करने को तैयार नहीं है। हाल ही में घोषित रबी फसलों और गन्ने का समर्थन मूल्य भी किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है। किसान मजदूर तबाह हो रहे हैं। आंदोलनकारी किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। इसमें अरविद राज, इम्तेयाज अहमद सहित 50 साथियों ने सहभागिता की।

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