कहीं धूप, कहीं बादल तो कहीं बूंदाबांदी

-सिकंदराराऊ सासनी और हाथरस में बारिश का करते रहे इंतजार -बारिश न होने से धान की फसल करने वाले किसानों को निराशा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Jul 2021 12:34 AM (IST) Updated:Wed, 14 Jul 2021 12:34 AM (IST)
कहीं धूप, कहीं बादल तो कहीं बूंदाबांदी
कहीं धूप, कहीं बादल तो कहीं बूंदाबांदी

जासं, हाथरस : जनपद में मंगलवार को मौसम के तीन रूप देखने को मिले। कहीं तेज धूप दिखाई दी तो कहीं बादलों की छांव रही। बूंदाबांदी भी हुई लेकिन उमस बरकरार रहने से लोग परेशान रहे। गरमी को देखते हुए अलीगढ़ रोड स्थित नहर में युवकों ने डुबकी लगाकर आनंद लिया। उधर, बारिश न होने से धान उत्पादक किसानों परेशान हैं।

सोमवार को सुबह से ही काले बादल छाए हुए थे। दोपहर बाद हाथरस शहर के अलावा सहपऊ, सासनी में झमाझम बारिश हुई थी। शहर के अलावा मुरसान व सहपऊ कस्बे में गलियों में पानी भर गया था, जबकि सिकंदराराऊ, हसायन व पुरदिलनगर के लोग एक बूंद पानी को तरस गए। मंगलवार को सुबह से बादल छाए हुए थे। लोग दिन भर बारिश का इंतजार करते रहे। सिर्फ सादाबाद में तेज बूंदाबांदी हुई। लोगों को छाता लेकर निकलना पड़ा। किसानों को बारिश का इंतजार

बारिश नहीं होने से धान उत्पादक किसानों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। जिन किसानों ने जैसे-तैसे अपने खर्च से धान की रोपाई कर दी है, अब उनके खेत में पानी नहीं लग रहा है। खेतों का पानी सूखने लगा है। वहीं कुछ किसानों ने रोपाई के लिए खेतों को तैयार कर लिया है लेकिन उसमें पानी नहीं भर पा रहे हैं। इससे रोपाई पिछड़ रही है। नहीं मिल रही पूरी बिजली

खेतों की सिचाई के लिए किसानों को पर्याप्त बिजली भी नहीं मिल पा रही है। नहरों में भी पानी न आने से सिंचाई नहीं हो पा रही है। बोले किसान

धान के लिए खेतों को तैयार कर लिया है। नर्सरी में पौधें भी बढ़ रही हैं। खेतों को भरने के लिए नलकूप के पानी का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। रजबहा से भी पानी नहीं मिल रहा है।

सुशील कुमार शर्मा, जरेरा जुलाई के दो सप्ताह पूरे हो गए हैं। हमारे पास खेतों को भरने का इंतजाम नहीं है। पूरी तरह से बारिश पर ही निर्भर हैं। ऐसी हालत में हम पूरी तरह बेबस हो चुके हैं।

प्रेमशंकर मल्ल, जरेरा

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