सावन के पहले सोमवार पर आज उमड़ेगी श्रद्धा
कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए मंदिरों में किया जाएगा जलाभिषेक।
जासं, हाथरस : भगवान शिव के प्रिय सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भगवान शिव के जलाभिषेक और पूजन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। मंदिरों में इसके लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए दर्शन, पूजन और जलाभिषेक की अनुमति होगी।
पूरा श्रावण मास भगवान शिव की पूजा को समर्पित है। शिव भक्त तरह-तरह से भोलेनाथ को रिझाने का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। सावन का आखिरी सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा। सावन के चार सोमवार
सावन का प्रत्येक दिन भगवान शिव के पूजन के लिए समर्पित है, लेकिन सोमवार को व्रत और पूजन का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं। इन चारों सोमवारों पर भगवान शिव के लिए व्रत रखा जाएगा। सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा दो अगस्त, तीसरा नौ अगस्त, चौथा 16 अगस्त को है। श्रद्धालु सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखते हैं। शहर के चौबे वाले महादेव, गोपेश्वर महादेव, चिताहरण महादेव, नर्मदेश्वर महादेव व अन्य प्रमुख मंदिर हैं। इन मंदिरों पर भोले भक्त सुबह जलाभिषेक करेंगे।
व्रत और पूजन की विधि
सावन के सोमवार के दिन प्रात:काल नहाकर, घर और पूजा स्थल को भी साफ करते हैं। भगवान को धूप, दीप, फूल और जल चढ़ाएं। भगवान शिव को बेल पत्र के अलावा भांग, धतूरा और मदार भी चढ़ाते हैं। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद और गंगा जल से शिव जी का अभिषेक किया जाता है। सोमवार व्रत कथा का पाठ कर हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लिया जाता है। भगवान शिव की आरती कर पूजा का समापन करना चाहिए। कोविड गाइड लाइन का होगा पालन
इस बार कारोना काल को देखते हुए कोविड की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा। श्रद्धालुओं से मास्क लगाकर व शारीरिक दूरी का पालन कराना होगा। एक-एक कर भक्त जलाभिषेक करेंगे। पिछले साल भी सावन के महीने में कोरोना के कारण गाइड लाइन का पालन कराया गया था। इस बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध रहेगा। इसके कारण श्रद्धालु सोरों व कछला के अलावा अन्य घाटों से गंगा जल नहीं ला सकेंगे।