प्रधानों की झोली में आए सात करोड़, चमकेंगे गांव
अछी खबर शपथ ग्रहण से पहले ही सरकार ने खोल दिया था विकास कार्य के लिए खजाना।
जागरण संवाददाता, हाथरस : अभी नव निर्वाचित प्रधानों को शपथ लिए 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि सात करोड़ का फंड खाते में आ गया। इस रकम से कई महीने से थमा विकास का पहिया रफ्तार पकड़ेगा। फिलवक्त प्रधानों को कोरोना को भगाने की चिता करनी होगी। वैसे भी नवनिर्वाचित प्रधान जोश से भरे हुए हैं। वे पहली बैठक में विकास का खाका खींचने के साथ काम कराने में जुट जाएंगे।
छह महीने थे ठप विकास कार्य
25 दिसंबर 2020 को प्रधानों का कार्यकाल खत्म हो गया था। उसके बाद एडीओ पंचायत को प्रशासक नियुक्त किया गया था। विकास कार्यों पर तभी ब्रेक लग गया था। दावा किया गया था कि प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रशासक गांव में विकास कार्य कराएंगे मगर ऐसा हुआ नहीं।
अब चकाचक होंगे गांव : कोरोना के कारण न सिर्फ पंचायत चुनाव देर से हुए, बल्कि विकास कार्य में भी काफी देरी हो चुकी है। सात करोड़ की रकम तो आंशिक किस्त है। अब लगातार नाली-खड़ंजा, कूड़ेदान आदि को करोड़ों रुपये खातों में आएंगे तो गांव चकाचक नजर आएंगे।
वर्जन
नए प्रधानों को शपथ दिलाने से पहले ही इस साल होने वाले कार्यों के लिए करीब सात करोड़ की किस्त आ चुकी है। पैसा आने के बाद पहली बैठक में चर्चा होगी। इसके बाद गांवों में विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे।
बनवारी सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी हाथरस। तो सचिवों को भारी पड़
सकती है मानवीय भूल
जासं, हाथरस : ग्रामों के विकास कार्यों को केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से धनराशि आती है। हाथरस जनपद की ग्राम पंचायतों को संचालित करने सचिवों ने कम राशि को 1.44 करोड़ रुपये दर्शा दी। इस लापरवाही की खबर शासन तक पहुंची। हालांकि विभागीय स्तर पर इसे मानवीय भूल बताया जा रहा है, मगर डाटा दुरुस्त न हुआ तो मानवीय भूल भारी पड़ सकती है। जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने कहा है कि अगर इसको नहीं दुरुस्त नहीं किया तो संबंधित सचिवों का निलंबन किया जाएगा।
जनपद में कुल 463 ग्राम पंचायतें हैं। नियमानुसारहर ग्राम पंचायत पर एक सचिव होना चाहिए, मगर चार-चार ग्राम पंचायतों को एक सचिव देख रहे हैं। विकास के लिए धनराशि केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग से सीधे ग्राम पंचायत निधि के खाते में आती है। अप्रैल में वित्तीय वर्ष 2021 शुरू होने से पहले यानी 2020 के वित्तीय वर्ष के अंत में करोड़ों रुपये खातों में आए थे। इस धनराशि को फीड करने के दौरान बड़ी गलती ये हुई कि कम धनराशि को 1.44 करोड़ दर्शा दिया गया। अफसर हैरान रह गए। इस बात की जानकारी सचिवों की जूम बैठक के दौरान सामने आने पर डीपीआरओ ने नाराजगी जताई।