किसानों में आक्रोश देख पुलिस ने बंटवाई डीएपी

कृभको सेंटर पर उमड़ी भीड़ जरूरत के हिसाब से खाद न मिलने पर किसानों ने किया हंगामा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:01 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:01 AM (IST)
किसानों में आक्रोश देख पुलिस ने बंटवाई डीएपी
किसानों में आक्रोश देख पुलिस ने बंटवाई डीएपी

जागरण टीम, हाथरस : सोमवार को भी खाद का संकट खत्म नहीं हो पाया। सासनी के कृभको सेंटर पर खाद आने की खबर मिली तो किसानों की भीड़ उमड़ पड़ी। खाद न देने पर किसानों ने हंगामा किया। हंगामे की सूचना पर पुलिस पहुंच गई और अपनी निगरानी में खाद का वितरण कराया। सासनी में लगी लंबी लाइन

आलू बोआई का सीजन शुरू हो गया है, लेकिन डीएपी की किल्लत के कारण बोआई शुरू नहीं हो पा रही है। किसान खाद लेने के लिए लाइन लगाकर खडे़ हैं लेकिन दुकान पर खाद नहीं मिलने पर शाम को किसान मायूस होकर लौट रहे हैं। रविवार की सुबह अचानक कृभको खाद सेंटर पर डीएपी आने की सूचना जंगल की आग की तरह फैली। सुबह से ही किसानों का सेंटर पर आवागमन शुरू हो गया। खाद उतरने से पहले ही दुकान पर किसानों की लंबी लाइन लग गई। खाद पाने के लिए किसान आपस में मारा मारी करने लगे। भीड़ बढ़ती देख कर शांति व्यवस्था हेतु पुलिस भी मौके पर बुलाई गई। पुलिस के मोर्चा संभालने के बाद सेंटर इंचार्ज ने राहत की सांस ली, लेकिन किसानों को खाद पाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद भी अधिकांश किसान मायूूस होकर लौट गए।

किसान राज कुमार का कहना है कि कई दिन से खाद की दुकान पर डीएपी के लिए चक्कर लगा रहा हूं। रविवार को सुबह पता चला कि कृभको सेंटर पर डीएपी खाद आ रही है। सब काम छोड़कर सुबह से लाइन में खड़ा हो गया। प्रेमसिंह का कहना था कि न तो सहकारी समितियों पर और न ही निजी दुकानों पर डीएपी उपलब्ध है।

बनवारी लाल का कहना था कि आलू बोआई के लिए डीएपी की किल्लत रोज बढ़ रही है। किसान घर का काम काज छोड़ कर खाद के लिए भटक रहे हैं। रामफूल सिंह का कहना है कि खाद की किल्लत की वजह से आलू की बोआई पिछड़ती जा रही है। पुलिस की निगरानी में बंटी खाद

संसू, हसायन : सोमवार एक ट्रक डीएपी पीसीएफ केंद्र हसायन पर पहुंचा। खाद खरीदने वाले किसानों की संख्या अधिक होने से हंगामा शुरू हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसानों को समझा बुझाकर शांत किया और आधार कार्ड के जरिये सभी को खाद वितरित कराया। खाद की मात्रा कम होने से सभी किसानों को खाद नहीं मिल सका।

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