कल के लिए आज बचा रहे जल
सार्वजनिक स्थानों पर बहने वाले पानी को रोकने के लिए लगवाते हैं टोटियां रेलवे से सेवानिवृत्त होने के बाद कर रहे यह काम।
संसू, हाथरस : पानी अनमोल है। इसकी एक-एक बूंद बचाना जरूरी है। आज पानी नहीं बचाएंगे तो कल पछताना पड़ेगा। यह सोच किसी एक को नहीं, बल्कि हम सबको लानी होगी। समाज में ऐसे भी लोग हैं जो पानी बचाने के लिए किसी न किसी रूप में संघर्ष कर रहे हैं। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त होकर समय का सदुपयोग इस नेक काम में कर रहे हैं। सहपऊ निवासी विशन गुप्ता सार्वजनिक स्थानों पर बहते पानी को रोकने के साथ और सबमर्सिबल से पानी बहाने वालों को टोकते रहते हैं।
अब वर्षा भी कम होने लगी है। जितनी बारिश होती है, वह पानी नाले-नालियों से बहकर चला जाता है। जल संचय नहीं हो पा रहा है। घर-घर सबमर्सिबल लगने से पानी की बर्बादी बढ़ती जा रही है और भूगर्भ जल कम होता जा रहा है। लगातार जल दोहन से आने वाले समय में पानी का संकट और बढ़ सकता है। सहपऊ निवासी विशन गुप्ता पानी की बर्बादी को लेकर चितित रहते थे। रेलवे में नौकरी के दौरान लोगों को जागरूक करने का समय नहीं मिलता था। दो साल पहले सेवानिवृत्त होने के बाद लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। जिन लोगों के घरों में रखे ओवरटैंक भर जाते हैं उन्हें दरवाजा खटखटाकर टोकते हैं कि आपकी टंकी भर गई है, मोटर बंद कर दीजिए। कुछ लोग ऐसे हैं जो सबमर्सिबल चलाकर लगातार पानी बहाते रहते हैं। काफी देर तक पक्के स्थानों की धुलाई करते हैं। ऐसे लोगों को पानी का मोल बताते हैं। नगर पंचायत की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर नल लगाए गए हैं। जिनमें टोंटियां गायब हो गई हैं, उनमें टोंटियां लगाकर पानी की बर्बादी रोक रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद वे अपना अधिकांश समय घर से निकलकर पानी की बर्बादी रोकने के लिए दे रहे हैं।